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Hindu Religion : हिंदू धर्म रखी जाने वाली चोटी या शिखा के वैज्ञानिक दृष्टि से हैं कई फायदे

Hindu Religion: हिंदू धर्म (Hindu Religion)  में पवित्रता बनाए रखने के लिए कई नियम बताए गए हैं। शास्त्रों में उल्लेखित नियमों की बात करें तो इनका संबंध विज्ञान से भी है। सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में ऐसा ही एक नियम शिखा या चोटी रखने का है। आइए बताते हैं इसके पीछे के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Hindu Religion: हिंदू धर्म (Hindu Religion)  में पवित्रता बनाए रखने के लिए कई नियम बताए गए हैं। शास्त्रों में उल्लेखित नियमों की बात करें तो इनका संबंध विज्ञान से भी है। सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में ऐसा ही एक नियम शिखा या चोटी रखने का है। आइए बताते हैं इसके पीछे के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण।

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हिंदू धर्म में क्या है चोटी रखने का महत्व?

हिंदू धर्म (Hindu Religion) में व्यक्ति के जन्म से लेकर मरण तक 16 प्रकार के संस्कार बताए गए हैं। जिनका अपना-अपना महत्व है। इन्हीं में से एक संस्कार है मुंडन संस्कार। इसे बच्चे के पहले, तीसरे या पांचवें साल में मुंडन किया जाता है। मुंडन संस्कार (Shaving Ceremony)को दौरान बच्चे के थोड़े से बाल छोड़ दिए जाते हैं। सिर पर सिखा या चोटी रखने का संस्कार यज्ञोपवीत या उपनयन संस्कार में भी किया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पूजा, कर्मकांड और यज्ञ आदि कार्य कराने के लिए चोटी रखना आवश्यक है।

कितनी बड़ी होनी चाहिए शिखा

धार्मिक ग्रंथों (Religious Texts) के अनुसार, सहस्रार चक्र का आकार गाय के खुर के समान माना गया है। इसलिए चोटी भी गाय के खुर के बराबर ही रखी जाती है। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु बुरा असर दे रहा हो, तो उसे सिर पर चोटी रखनी चाहिए। इससे राहु की दशा में लाभ मिलता है।

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चोटी रखने के वैज्ञानिक कारण

चोटी रखने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी मौजूद हैं। जिस स्थान पर चोटी रखी जाती है उस स्थान पर मस्तिष्क का केंद्र होता है। इसी स्थान से शरीर के अंग, बुद्धि और मन नियंत्रित होते हैं। चोटी रखने से सहस्त्रार चक्र जागृत रहता है। चोटी रखने से सहस्रार चक्र को जागृत करने और बुद्धि, मन और शरीर पर नियंत्रण रखने में सहायता मिलती है।

 

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