वैशाख अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व है। वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिए अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।
Vaishakh Amavasya 2022 : वैशाख अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व है। वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिए अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किये जाते हैं। इस दिन साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। अमावस्या के अवसर पर पितृदोष से मुक्ति पाने का भी अच्छा समय होता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय का देवता कहा जाता है। ज्योतिष के मुताबिक शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती बेहद कष्टकारी होती है। शनि की चाल बहुत धीमी होती है। माना जाता है कि शनि एक राशि में दोबारा 30 वर्षों बाद ही आते हैं।
वैशाख अमावस्या मुहूर्त
अप्रैल 30, 2022 को 00:59:27 से अमावस्या आरम्भ
मई 1, 2022 को 01:59:10 पर अमावस्या समाप्त
इस वर्ष वैशाख अमावस्या पर प्रीति योग और आयुष्मान योग का सुंदर संयोग बना है। दोपहर 03:20 बजे तक प्रीति योग रहेगा, फिर आयुष्मान योग शुरू होगा। ये दोनों ही योग स्नान एवं दान के लिए शुभ माने जाते हैं।