भगवान भास्कर तेज और ऊर्जा के देवता है। भक्त गण भगवान सूर्य देव की कृपा पाने के लिए उनकी भक्ति करते है। भगवान भास्कर की कृपा से जीवन तेजोमय हो जाता है।
vaishakh month sun fast : भगवान भास्कर तेज और ऊर्जा के देवता है। भक्त गण भगवान सूर्य देव की कृपा पाने के लिए उनकी भक्ति करते है। भगवान भास्कर की कृपा से जीवन तेजोमय हो जाता है। व्यक्ति यश किर्ती का मालिक हो जाता है। सूर्य नारायण सेवा पूजा करने से आयु और आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है।
सूर्य व्रत वैशाख माह के किसी भी रविवार से प्रारंभ किए जाते हैं। भगवान भास्कर की पूजा के लिए पूजा स्थान को शुद्ध स्वच्छ करके लाल आसन पर प्रयोग किया है। लाल वस्त्र पहन कर भगवान की पूजा करने का विधान है। सूर्य नारायण को नैवेद्य में गुड़, गुड़ के हलवे का भोग लगाया जाता है।
1.सूर्य भगवान की उपासना के लिए ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: मंत्र का 12 अथवा पांच माला जप करें।
2.जप के बाद शुद्ध जल, लाल चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दूर्वा से सूर्य को अर्घ्य दे।
3.भोजन में गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही, घी और चीनी का सेवन करें।
4.सूर्य व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए। प्रत्येक रविवार को इसी प्रकार पूजन करें।