धर्मनगरी काशी में गंगा के बढ़ते जलस्तर के वजह से लोगों को काफी परेशानी की सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि वाराणसी का हरिश्चंद्र चंद्र श्मशान घाट पूरी तरह से जल में समाहित हो चुका है।
वाराणसी। धर्मनगरी काशी में गंगा के बढ़ते जलस्तर के वजह से लोगों को काफी परेशानी की सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि वाराणसी का हरिश्चंद्र चंद्र श्मशान घाट पूरी तरह से जल में समाहित हो चुका है। ऐसे में शवों के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
कहा जा रहा है कि जिसतरह से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। ऐसे में चिताओं को गलियों में जलाने की नौबत भी आ सकती है।
वाराणसी काशी विश्वनाथ की नगरी मानी जाती हैं। जहां पर दूर-दूर से लोग आकर अपनों का अंतिम संस्कार करते हैं। लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है। बतादें कि हरिश्चंद्र घाट का पानी पूरी उपर तक आ गया है। जिसके कारण शव को जलाने के लिए लम्बें समय का इंतजार करना पड़ रहा है।
अब घाट का ऊपरी हिस्सा है बचा है, जहां से सड़क चंद कदमों के दूरी पर है। जिसके कारण शवों को घाट के एकदम किनारे छोटे से स्थान पर जलाया जा रहा है। चिंता की बात यह है कि गंगा का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो शवों को गलियों में जलाया जाने लगेगा।