जीवन भर साथ साथ निभाने वाले रिश्ते में दूरी बनने लगे तो दोनों तरफ से इस दूरी को पाटने कोशिश होनी चाहिए। सदियों से चले आ रहे इस रिश्ते की अहमियत को दोनों तरफ समझना चाहिए।
Vaust Tips : जीवन भर साथ साथ निभाने वाले रिश्ते में दूरी बनने लगे तो दोनों तरफ से इस दूरी को पाटने कोशिश होनी चाहिए। सदियों से चले आ रहे इस रिश्ते की अहमियत को दोनों तरफ समझना चाहिए। आज कल की जीवन शैली में सबसे अधिक दुख देने वाली जो बात है वो यही कि पति पत्नी के रिश्ते में दूरी है। समाज में आए बदलाव का असर इस रिश्ते पर भी पड़ा। यह रिश्ता गृहस्थी की नींव है। भारत देश में तो इस रिश्ते को समाज का आधार माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इस रिश्ते को मजबूत करने के लिए अनेक उपाय बताए गए है। आइये जानते है पति-पत्नी का रिश्ता खुशहाल रहे इसके लिए वास्तु के नियम।
1.मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) की ओर होना चाहिए।
2.अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए।
3.शयन कक्ष में सोते समय हमेशा सिर दीवार से सटाकर सोना चाहिए।
4.वास्तु शास्त्र के अनुसार, आग्नेय कोण में शयनकक्ष होने से व्यक्ति का क्रोध बढ़ता है।
5.इस दिशा में सोने पर पुरुष पर अग्नि तत्व का प्रभाव पड़ेगा। संबंधित रोग होने का खतरा रहता है। अग्नि तत्व से संबंधित रोगों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह और दिल का दौरा जैसे रोग शामिल हैं।
6.शयन कक्ष दक्षिण-पूर्व दिशा का चुनाव करने से भी बचना चाहिए। यह दिशा पति-पत्नी के बीच अनबन का कारण भी बन सकती है।