अतिथि देवो भव। सनातन धर्म में मेहमानों को भगवान का रूप माना जाता है। भारतीय जीवन शैली में इस मंत्र का पालन किया जाता है। भारतीय समाज में मेहमानों के स्वागत की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
Vastu Tips Roti : अतिथि देवो भव। सनातन धर्म में मेहमानों को भगवान का रूप माना जाता है। भारतीय जीवन शैली में इस मंत्र का पालन किया जाता है। भारतीय समाज में मेहमानों के स्वागत की परंपरा सदियों से चली आ रही है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अतिथि का सत्कार करने के लिए कुछ जरूरी नियमों का पालन करना है। इससे घर परिवार में संपन्नता बनी रहती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मेहमानों को भोजन परोसने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। घर की रसोई में मां अन्नपूर्णा का वास माना जाता है। ग्रंथों जिस घर की रसोई में साफ सफाई रहती है वहां मां अन्नपूर्णा निवास करती है। आइये जानते है भोजन परोसने के नियम के बारे में ।
1.हमेशा भोजन बैठकर करें। कभी भी सीधे जमीन पर बैठकर भोजन न करें, बल्कि आसन बिछाएं।
2.मेहमानों को बिस्तर पर बैठा कर भोजन नहीं करना चाहिए।
3.साधु-संत या मेहमान आपके घर आ जाए तो उन बासी रोटियों को कभी नहीं खिलाना चाहिए
4.नियम के मुताबिक भोजन कर रहे किसी भी व्यक्ति को कभी भी एक साथ 3 रोटियां नहीं परोसनी चाहिए।
5. रसोई में से रोटी हाथ में लेकर भोजन कर रहे व्यक्ति को नहीं दी जानी चाहिए। हाथ में रोटी लेकर परोसना दरिद्रता को न्योता देना होता है।