हिंदू धर्म में महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य को सलामत रखने के लिए देवी देवताओं की पूजा करतीं है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए कठिन व्रत रखती है।
Vat Purnima Vrat 2022 : हिंदू धर्म में महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य को सलामत रखने के लिए देवी देवताओं की पूजा करतीं है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए कठिन व्रत रखती है। महिलाओं में यह आस्था बनी रहती है कि ईश्वर उनके सुहाग की रक्षा करेंगे। इसी के साथ कठिन व्रत रखकर महिलाएं ईश्वर से सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करतीं है। इस साल वट पूर्णिमा व्रत 14 जून मंगलवार को है। इस दिन साध्य और शुभ योग बन रहे हैं। ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं।
वट पूर्णिमा व्रत 2022 मुहूर्त
ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 13 जून, दिन सोमवार, रात 09 बजकर 02 मिनट से
ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन: 14 जून, मंगलवार, शाम 05 बजकर 21 पर
साध्य योग: प्रात:काल से सुबह 09 बजकर 40 मिनट तक
वट पूर्णिमा व्रत के दिन वट वृक्ष, सावित्री और सत्यवान की पूजा की जाती है। वट पूर्णिमा व्रत मध्य और दक्षिण भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है।वट पूर्णिमा व्रत की पूजा के समय व्रती सावित्री और सत्यवान कथा का पाठ करते हैं।