हिंदू पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन रखा जाता है। वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिनें पति की दीर्घायु और संतान के उज्जवल भविष्य के लिए व्रत रखती हैं।
Vat Savitri 2022 : हिंदू पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन रखा जाता है। वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिनें पति की दीर्घायु और संतान के उज्जवल भविष्य के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन सुहागिनें बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं, परिक्रमा करती हैं और कलावा बांधती हैं। इस बार ये व्रत 30 मई, दिन सोमवार को रखा जाएगा। इस व्रत का उद्देश्य है सौभाग्य की वृद्धि और पतिव्रत के संस्कारों को आत्मसात करना।
वट सावित्री व्रत 2022
सोमवार, 30 मई, 2022
अमावस्या तिथि शुरू: 29 मई, 2022 दोपहर 02:54 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 30 मई, 2022 को शाम 04:59 बजे
पूजन सामग्री
वट सावित्री व्रत की पूजन सामग्री में सावित्री-सत्यवान की मूर्तियां, बांस का पंखा, लाल कलावा, धूप-दीप, घी, फल-फूल, रोली, सुहाग का सामान, चूड़ियां, बरगद का फल, जल से भरा कलश आदि शामिल है।