भले ही पुलिस एनकाउंटर में विकास दूबे की मौत हो चुकी हो लेकिन फिर भी उसके बाद भी उसके करीबियों के लिए वह मुसीबत बना हुआ है। विकास दूबे मरने के बाद भी अपने करीबियों को परेशानी का सबब बना हुआ है।
भले ही पुलिस एनकाउंटर में विकास दूबे (Vikas Dubey) की मौत हो चुकी हो लेकिन फिर भी उसके बाद भी उसके करीबियों के लिए वह मुसीबत बना हुआ है। विकास दूबे मरने के बाद भी अपने करीबियों को परेशानी का सबब बना हुआ है।
ऐसे ही मामले में गैंगस्टर विकास दूबे (Vikas Dubey) के कभी करीबी रहे जयकांत बाजपेयी को हाईकोर्ट ने बेल देने से इंकार कर दिया है। उसके वकीलों ने दलील दी कि जयकांत का उस वारदात से कोई लेना देना नहीं था जिसमें आठ पुलिस कर्मियों को विकास दूबे (Vikas Dubey) ने मौत के घाट उतारा था।
हाईकोर्ट के सामने वकीलों को कोई दलील काम न आई। हाईकोर्ट ने जयकांत बाजपेयी के बेल को खारिज करते हुए कहा कि वारदात से पहले जयकांत बाजपेयी ही वह शख्स था जिसने विकास दूबे (Vikas Dubey) को मीटिंग में दो लाख रुपये और 25 कारतूस मुहैया कराए थे।
इन कारतूसों का यूज पुलिसकर्मियों की हत्या में किया गया। इतना ही नहीं वारदात के बाद विकास दूबे (Vikas Dubey) को फरार होने के लिए गाड़ी भी जयकांत ने ही मुहैया कराई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि मरने से पहले खउद विकास दूबे ने पुलिस को सारी कहानी बताई थी। अब वह मर चुका है तो उसके स्टेटमेंट पर तो भरोसा करना ही होगा।