सनातन धर्म में विवाह को धार्मिक परंपरा के अनुसार कया जाता है। प्राचीन काल से ही ऐसी परंपरा चली आ रही है। शुभ मुहूर्त में वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न किए जाते है।
Vivah Muhurat 2023: सनातन धर्म में विवाह को धार्मिक परंपरा के अनुसार कया जाता है। प्राचीन काल से ही ऐसी परंपरा चली आ रही है। शुभ मुहूर्त में वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न किए जाते है। भारतीय विवाह परंपरा में तिथि और मुहूर्त का शुभ होना आवश्यक है। ग्रह नक्षत्रों की बदलती चाल की वजह से कुछ समय के लिए शुभ मुहूर्त नहीं निकल पाता है। विवाह के मुहूर्त के लिए गुरु ग्रह का उदय होना आवश्यक होता है।
मांगलिक कार्यों आरंभ
अब तक खरमास चल रहा था और गुरु अस्त था, जिसकी वजह से हर तरह के मांगलिक कार्य रुके हुए थे। लेकिन अब ये समय बीतने को है। जल्द ही शहनाई की धुन बजना फिर से शुरू हो जाएगी। तीन मई से रुके हुए मंगल कार्य फिर शुरू हो सकेंगे और शादी की शहनाई फिर गूंज सकेगी। आइये जानते है आने वाले महीनों में मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त किस तिथि को है।
भगवान विष्णु का शयन होगा
गुरु के उदय होने के बाद मांगलिक कार्यों आरंभ हो जाएगा। इसी समय से विवाह के लिए शुद्ध और शुभ योगों की शुरुआत मई की तीन तारीख से हो सकेगी। माना जा रहा है कि 29 जून से एक बार फिर भगवान विष्णु का शयन होगा, जिसके फलस्वरूप मांगलिक कार्य एक बार फिर रुक जाएंगे। इसके बाद विष्णु भगवान फिर नवंबर माह में जागेंगे। उस समय से विवाह जैसे शुभ कार्यों की शुरुआत हो सकेगी।
विवाह मुहूर्त
मई : 03, 06, 08, 09, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 22, 29. 30
जून : 1, 3, 5, 6,7,11,22,23,26
नवंबर : 23, 24, 27, 28 और 29
दिसंबर : 5, 6, 7, 8, 9, 11 और 15
अधिक मास
आने वाले 30 जून से 22 नवंबर तक अधिक मास रहेगा। इसके अलावा चातुर्मास, हरिशयन, करकायन और शुक्र अस्त भी होगा, जिसके चलते लग्न नहीं मिलेगा।
देवोत्थान एकादशी
कार्तिक शुक्ल एकादशी जिसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है वो 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक जारी रहेगी। इसमें मांगलिक कार्य आसानी से हो सकेंगे।
खरमास फिर शुरु
16 दिसंबर की तारीख यानी कि शनिवार से मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि लगेगी जब खरमास फिर शुरु हो जाएंगे। इस समय से मांगलिक कार्य होना एक बार फिर बंद हो जाएंगे। अगले साल (2024) की 16 जनवरी को खरमास खत्म होंगे, उसके बाद वैवाहिक और मांगलिक कार्य दोबारा हो सकेंगे।