बॉलीवुड के फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) अपनी फिल्म के अलावा अपने तीखे बयानों के लिए भी जाने जाते हैं, लेकिन इन दिनों वह भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले (Bhima-Koregaon Violence Case) में नजरबंद सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा (Social worker Gautam Navlakha) को रिहा करने से संबंधित तत्कालीन न्यायमूर्ति व वर्तमान ओडिशा मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर पर टिप्पणी करने को लेकर चर्चा में हैं।
मुंबई। बॉलीवुड के फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) अपनी फिल्म के अलावा अपने तीखे बयानों के लिए भी जाने जाते हैं, लेकिन इन दिनों वह भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले (Bhima-Koregaon Violence Case) में नजरबंद सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा (Social worker Gautam Navlakha) को रिहा करने से संबंधित तत्कालीन न्यायमूर्ति व वर्तमान ओडिशा मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर पर टिप्पणी करने को लेकर चर्चा में हैं। फिल्म निर्देशक ने इस मामले में न्यायाधीश एस मुरलीधर के आदेश के बाद उनपर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। इस मामले में फिल्म निर्देशक ने अदालत के सामने पेश होकर बिना शर्त माफी मांगी है। मामले का संज्ञान लेकर कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने दी चेतावनी
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court ) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) और वैज्ञानिक आनंद रंगनाथन (Scientist Anand Ranganathan) को अवमानना का नोटिस जारी किया था। इसके साथ ही उन्हें कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था। वहीं हाईकोर्ट ने विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की माफी को स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ शुरू की गई अवमानना की कार्रवाई बंद कर दी। इसके अलावा कोर्ट ने उन्हें भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी दी।
जानें क्या था मामला?
कोर्ट ने कहा कि उनका इरादा कोर्ट के सम्मान को जानबूझकर ठेस पहुंचाने का नहीं था। वैज्ञानिक आनंद रंगनाथन (Scientist Anand Ranganathan) की ओर से पेश वकील जे. साई दीपक ने कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख 24 मई, 2023 को कोर्ट में पेश होंगे। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court ) विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) , आनंद रंगनाथन (Scientist Anand Ranganathan) और अन्य के खिलाफ न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था।