बारिश के मौसम में बचने के लिए भाप की मदद ले सकती हैं। पानी में तुलसी, जीरा और एसेंशियल ऑयल मिलाकर भाप लेने से अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
Ways to Avoid Asthma Attack: बारिश का मौसम में अस्थमा (Asthma) के मरीजों को अपना बेहद खास ख्याल रखने की जरुरत होती है। अस्थमा की बीमारी में फेफड़ों तक हवा पहुंचने में परेशानी होती है। खासतौर पर बारिश की नमी के कारण फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन बढ़ जाती है।
इसकी वजह से अस्थमा (Asthma) का अटैक आने का डर रहता है। बारिश में धूप न निकलने और नमी की वजह से मौसम ठंडा रहता है। ठंडे मौसम में अस्थमा के रोगियो के लिए मुश्किलें बढ़ाने का काम करता है।बारिश के मौसम में हवाओं में पोलन यानि परागकण बढ़ जाते हैं।
जो सांस लेने पर वायुमार्ग में पहुंच जाते है। जो अस्थमा अटैक (Asthma Attack) को बढ़ा देते है।पोलन की वजह छींक आने लगती है या फिर सांस लेने में परेशानी आने लगती है। बारिश के मौसम में धूप नहीं निकलती है धूप में मिलने वाली विटमिन डी फेफड़ों को हेल्दी रखने में मदद करता है।
खराब धूप की वडह से फफूंदी पनपने लगती है और शरीर में नमी हो जाती है। बारिश के मौसम में बचने के लिए भाप की मदद ले सकती हैं। पानी में तुलसी, जीरा और एसेंशियल ऑयल मिलाकर भाप लेने से अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
इसके अलावा अस्थमा (Asthma) के मरीजों को साफ सफाई का बेहद ध्यान रखने की जरुरत होती है। अस्थमा (Asthma) के मरीजो को गर्म खाने और गर्म लिक्विड का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा साफ सुथरे बाथरुम और का ही इस्तेमाल करें।