देश के अधिकांश हिस्सों में पिछले दो दिनों से मौसम ने अचानक करवट बदला है। जगह-जगह तेज आंधी के साथ हुई है। जहां बारिश ने तपती गर्मी से लोगों को राहत दिलाई। यहां तक कि लोग गुलाबी ठंड का एहसास करने लगे हैं। आलम ये है कि कई जगहों पर ये बारिश आफत बन गई।
नई दिल्ली। देश के अधिकांश हिस्सों में पिछले दो दिनों से मौसम ने अचानक करवट बदला है। जगह-जगह तेज आंधी के साथ हुई है। जहां बारिश ने तपती गर्मी से लोगों को राहत दिलाई। यहां तक कि लोग गुलाबी ठंड का एहसास करने लगे हैं। आलम ये है कि कई जगहों पर ये बारिश आफत बन गई।
ऐसे में हर किसी के मन में सिर्फ एक ही सवाल है कि आखिर अप्रैल और मई के महीने में इस तरह से बारिश क्यों हो रही है? इसके पीछे क्या कारण है? आने वाले समय में मौसम कैसा रहेगा? इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए हमने मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमआर रानालकर ने मौसम में हो रहे अचानक बदलाव को लेकर क्या कारण बताया?
जानें मई क्यों हो रही है बारिश?
मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमआर रानालकर ने कहा कि आमतौर पर गर्मी के समय पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा सक्रिय नहीं होते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। इसी के चलते बेमौसम बारिश हो रही है।’ उन्होंने आगे कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के रूप में चक्रवाती सर्कुलेशन निचले और ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों में मध्य पाकिस्तान पर स्थित है। निचले क्षोभमंडल में दक्षिण पाकिस्तान और इससे सटे पश्चिमी राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। चक्रवाती हवाओं का एक क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और दूसरा दक्षिण छत्तीसगढ़ के ऊपर निचले क्षोभमंडल स्तर पर बना हुआ है। ये क्षोभमंडलीय स्तरों में पूर्वी विदर्भ से तमिलनाडु के अंदरूनी क्षेत्र में हवाओं के बदलाव से मौसम बदला हुआ है। इसका असर अगले तीन से चार दिनों तक उत्तर पश्चिम भारत में देखने को मिलेगा।’
अगले पांच दिन कैसा रहेगा मौसम?
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार कि अगले पांच दिन के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में कहीं-कहीं हल्की-मध्यम बारिश, बर्फबारी, बिजली की गरज और तेज हवाएं चलने के आसार हैं। इसके अलावा उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में बिजली की गरज और तेज हवाओं के साथ काफी व्यापक बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दो मई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि की आशंका है। अगले पांच दिन के दौरान उत्तराखंड, 1-2 मई के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, तीन मई को राजस्थान में भी ओलावृष्टि हो सकती है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू में एक और दो मई को भारी बारिश, 3-4 मई के दौरान पश्चिमी राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर धूल भरी आंधी चलने का अनुमान है।
मौसम विभाग के अनुसार कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी सोमवार को भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के छिटपुट स्थानों पर ओलावृष्टि की आशंका है। दक्षिण भारत में अगले चार दिनों के दौरान कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में छिटपुट स्थानों पर बहुत भारी बारिश का अनुमान है। दो मई के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कछ स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है। पूर्वोत्तर भारत में एक और दो मई के दौरान अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर बारिश होने के आसार हैं। वहीं, एक से चार मई के बीच असम और मेघालय में भी बारिश होगी।
इस साल बारिश के मौसम को लेकर हुए हैं दो दावे
इस साल बारिश को लेकर दो अलग-अलग दावे हुए हैं। स्काईमेट वेदर ने कहा था कि इस साल सामान्य से कम बारिश होगी और सूखा पड़ने की आशंका है। वहीं, भारतीय मौसम विभाग ने इसके ठीक उलट दावा किया है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मॉनसून सामान्य रहेगा और इसके 96 प्रतिशत (+/-5% ) रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने ये भी कहा है कि इस साल देशभर में 83.7 मिलीमीटर बारिश होगी। विभाग ने कहा कि जुलाई के आसपास एल-नीनो कंडीशन रह सकती है, लेकिन मॉनसून के साथ एल-नीनो का सीधा संबंध नहीं रहेगा।
बता दें कि प्रशांत महासगार में पेरू के पास सतह का गर्म होना अल नीनो कहलाता है। अल नीनो की वजह से समंदर के तापमान, वायुमंडल में बदलाव होता है और इस बदलाव की वजह से समंदर का तापमान 4-5 डिग्री तक बढ़ जाता है। अल नीनो की वजह से पूरी दुनिया के मौसम पर प्रतिकूल असर पड़ता है।