Pakistan Support Hamas: पाकिस्तान, गाजा को जंग में झोंकने वाले आतंकी संगठन हमास (Terrorist Organization Hamas) का खुला समर्थन कर रहा है। जिसके तहत पाकिस्तान के कट्टरपंथी राजनेता मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) ने रविवार को कतर में हमास के सर्वोच्च नेता इस्माइल हानिया (Ismail Hania) और पूर्व प्रमुख खालिद मशाल (Khalid Mashal) से मुलाकात की। वहीं, इस समर्थन के बदले हमास ने भी पाकिस्तान की तरह 'कश्मीर राग' अपलापते हुए कश्मीर (Kashmir) की तुलना फिलिस्तीन (Palestine) से कर दी।
Pakistan Support Hamas: पाकिस्तान, गाजा को जंग में झोंकने वाले आतंकी संगठन हमास (Terrorist Organization Hamas) का खुला समर्थन कर रहा है। जिसके तहत पाकिस्तान के कट्टरपंथी राजनेता मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) ने रविवार को कतर में हमास के सर्वोच्च नेता इस्माइल हानिया (Ismail Hania) और पूर्व प्रमुख खालिद मशाल (Khalid Mashal) से मुलाकात की। वहीं, इस समर्थन के बदले हमास ने भी पाकिस्तान की तरह ‘कश्मीर राग’ अपलापते हुए कश्मीर (Kashmir) की तुलना फिलिस्तीन (Palestine) से कर दी।
जानकारी के मुताबिक, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) रविवार को गाजा के प्रति समर्थन दिखाने और पाकिस्तान में खुद को फिलिस्तीन का सबसे बड़ा हिमायती बताने के लिए कतर (Qatar) पहुंचे। इस मुद्दे का फायदा वह पाकिस्तान (Pakistan) में आगामी चुनावों (Upcoming Elections in Pakistan) में उठाने की कोशिश में लगे हैं। पाकिस्तान में फिलिस्तीन (Palestine) के पक्ष में लगातार रैलियां निकाली जा रही हैं। ऐसे में मौलाना फजलुर रहमान अरब देशों के नेताओं के साथ मिलकर गाजा पर माहौल बनाने की कोशिश में है।
इस बैठक को लेकर जेयूआई-एफ के प्रवक्ता असलम गौरी ने बताया कि दोनों पक्षों ने फिलिस्तीन मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की। मौलाना फजलुर रहमान के एक्स पर लिखा, ‘जेयूआई-एफ प्रमुख ने गाजा में इजरायली अत्याचारों के मद्देनजर फिलिस्तीन के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और एकजुटता व्यक्त की।’ बैठक में हानिया ने मुसलमानों से इजरायली आक्रामकता के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। हानिया ने कहा, “यह मुस्लिम उम्माह की जिम्मेदारी है कि वह इजरायली अत्याचारों के खिलाफ एकजुट हो।’
इस बीच हमास के नंबर दो नेता खालिस मशाल ने कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से कर दी। मशाल ने कहा, ”कश्मीर और फिलिस्तीन में जारी अत्याचार मानवाधिकार अधिवक्ताओं के चेहरे पर एक तमाचा है।’