प्याज, टमाटर और आलू की उपज की कीमतों में उतार-चढ़ाव मौसम की परिस्थिति पर निर्भर करता है। शुक्रवार को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने राज्यसभा में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इन कारकों में इन उपजों का गैर पारंपरिक इलाकों से आना, फसल बुवाई के तरीके में मौसम के अनुसार बदलाव, और पिछले सीजन की फसल के अवशेष आदि शामिल हैं।
नई दिल्ली। प्याज, टमाटर और आलू की उपज की कीमतों में उतार-चढ़ाव मौसम की परिस्थिति पर निर्भर करता है। शुक्रवार को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (food processing industry) के राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल (Minister of State Prahlad Singh Patel) ने राज्यसभा में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इन कारकों में इन उपजों का गैर पारंपरिक इलाकों से आना, फसल बुवाई के तरीके में मौसम के अनुसार बदलाव, और पिछले सीजन की फसल के अवशेष आदि शामिल हैं।
शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान मंत्रालय ऑपरेशन ग्रीन्स (ओजी) के अल्पकालिक हस्तक्षेप के तहत फसल फलों और सब्जियों के लिए परिवहनन और भंडारण में 50 फीसदी सब्सिडी देता है। इससे किसानों के साथ ही उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में स्थितिरता रहती है।
साथ ही मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि आलू, प्याज और टमाटर की कीमतों की निगरानी की जा रही है। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नाफेड) के जरिए किया जा रहा है। इसी के अनुसार राज्यों के संबंधित विभागों को कम कीमत के अलर्ट समय समय पर भेजे जाते हैं।