लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में हुई हिंसा के बाद पीड़ित किसानों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हिरासत में रखने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इस दौरान प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के कई वीडियो सामने आ चुके हैं।
लखनऊ। लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में हुई हिंसा के बाद पीड़ित किसानों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हिरासत में रखने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इस दौरान प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के कई वीडियो सामने आ चुके हैं।
इन सबके बीच 3 अक्टूबर 1977 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के साथ घटी घटना को याद किया जा रहा है। कांग्रसे नेता सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने इस घटना को याद करे हुए ट्विट किया है और लिखा है, 3 अक्टूबर 1977 में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की गिरफ्तारी से जनता पार्टी सरकार के पतन की शुरूआत हुई थी।
If arrest of Mrs Indira Gandhi on October 3,1977 proved to be the undoing of Janta Party’s govt , the arrest of Priyanka Gandhi on October 3,2021 marks the beginning of the end of BJP govt. @INCIndia #FarmerProtest pic.twitter.com/GT27FUVcuT
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) October 4, 2021
अब उसी दिन यानी 3 अक्टूबर 2021 को प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की गिरफ्तारी से देश में भाजपा सरकार के अंत की शुरूआत हो गई है। सुनील जाखड़ ने इस तारीख को महज एक संयोग बताया है। बता दें कि, प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी के बाद पूरे देश के विभिन्न हिस्सों में कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही सीतापुर में भी बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद हैं।
जानिए 3 अक्टूबर 1977 की पूरी कहानी
बता दें कि, 1977 में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार थी। प्रधानमंत्री मोरारजी के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार चल रही थी। उस दौरान चौधरी चरण सिंह गृहमंत्री थे। वहीं, 1975 में इंदिरा गांधी ने एमरजेंसी लगाई थी, जिसके कारण उनके खिलाफ आवाज उठ रही थी। साथ ही एमरजेंसी के दौरान कई नेताओं को जेल भी जाना पड़ा था। इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) पर चुनाव प्रचार के दौरान खरीदे वाहनों में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। मीडिया रिपेार्ट की माने तो इसके पीछे एमरजेंसी में जेल भेजे जाने की वजह से नेताओं में भी गुस्सा था। वहीं, इस मामले में तीन अक्टूबर को इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि अगले दिन उन्हें कोर्ट में पेश करने पर सरकार कोई ठोस सुबूत नहीं दिखा सकी। जिस वजह से उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया। इसे उस वक्त ‘ऑपरेशन ब्लंडर’ भी कहा गया। इसके अगले चुनावों में इंदिरा गांधी ने जोरदार वापसी की थी।