यादव और मुस्लिम समाजवादी पार्टी के प्रमुख वोटर माने जाते हैं।
लखनऊ। यादव और मुस्लिम समाजवादी पार्टी के प्रमुख वोटर माने जाते हैं। लेकिन आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) सोशल इंजीनियरिंग के जरिए यूपी का किला फतह करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। सपा अध्यक्ष ने विजय यात्रा शुरू करने के साथ ही प्रदेश भर में चल रहे पार्टी अभियान की समीक्षा की कमान अपने हाथों में ले ली है।
सपा ने बनाया दलित संगठन
दलित संगठन बनाना सपा का दलितों का वोट अपने पाले में करने की कवायद है। इस संगठन का प्रभारी मिठाई लाल भारती को बनाया है, जो कि लंबे समय तक बसपा (BSP) में रहे हैं। बसपा की कम हो रही लोकप्रियता के बीच दलितों को नए संगठन की जरुरत महसूस हो रही है।
मुसलमान छोटे संगठन पर नहीं कर पा रहे भरोसा
मुसलमान सपा के बड़े वोट बैंक रहे हैं। मुसलमानों के कल्याण को लेकर पीस पार्टी बनी लेकिन उसका अस्तित्व न के बराबर रहा। सोशल इंजीनियरिंग के जरिए सपा (SP) इस वर्ग को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है। सपा के अनुसार ओवैसी की पार्टी का हाल भी पीस पार्टी व तमाम छोटे दलों जैसा हो जाएगा।
सपा रणनीतिकारों को इस बात का भरोसा है कि मंहगाई, पेट्रोल-डीजल के आसमान छूते दाम, किसानों का मुद्दा, बेरोजगारी आदि को लेकर यूपी में भाजपा(BJP) की सरकार का ग्राफ गिरा है। सपा लोगों के इस गुस्से को अपने पक्ष में भुनाने में जुटी हुई है। ऐसे में पार्टी कार्याकर्ताओं की मेहनत और सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला सपा को यूपी की सत्ता दिला सकती है।