भारत के दुश्मन पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) में राजनीतिक उथल-पुथल इस समय चरम पर है। प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के पद से इसी महीने विदाई तय मानी जा रही है। कथित तौर पर सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इमरान खान (Imran Khan) से इस्तीफे की तारीख भी मुकर्रर कर दी है। 22-23 मार्च को देश में आयोजित होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सम्मेलन के बाद इमरान खान अपना पद छोड़ दें, क्योंकि पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। पाकिस्तान (Pakistan) में लगातार राजनीतिक उथल-पुथल देश के हित में नहीं है।
नई दिल्ली। भारत के दुश्मन पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) में राजनीतिक उथल-पुथल इस समय चरम पर है। प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के पद से इसी महीने विदाई तय मानी जा रही है। कथित तौर पर सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इमरान खान (Imran Khan) से इस्तीफे की तारीख भी मुकर्रर कर दी है। 22-23 मार्च को देश में आयोजित होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सम्मेलन के बाद इमरान खान अपना पद छोड़ दें, क्योंकि पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। पाकिस्तान (Pakistan) में लगातार राजनीतिक उथल-पुथल देश के हित में नहीं है।
पाक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान को बाहर करने का निर्णय जनरल कमर जावेद बाजवा और तीन अन्य वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल ने एक बैठक में लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक सैन्य अधिकारियों ने इमरान खान को बचने का कोई रास्ता नहीं देने का फैसला लिया है।
इमरान के खिलाफ नेशनल असेंबली में 25 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव
बता दें कि इमरान खान सरकार अब तक अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, क्योंकि इमरान खान के खिलाफ विपक्षी दलों के नेताओं ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 25 मार्च को नेशनल असेंबली की बैठक बुलाई है। विपक्षी नेता उन्हें अर्थव्यवस्था और विदेश नीति के कुप्रबंधन के लिए दोषी ठहराया है। लिहाजा अविश्वास प्रस्ताव 2018 में सत्ता में आने के बाद से इमरान खान के लिए सबसे कठिन परीक्षा मानी जा रही है, क्योंकि उनकी पार्टी के भी कई सांसदों ने उनके खिलाफ वोट देने का फैसला किया है। पाकिस्तान का कानून यह कहता है कि यदि कोई सांसद अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ वोट करता है तो उसकी सत्ता जा सकती है।
पाक सेना जनता के सामने हुई एक्सपोज,कमर जावेद बाजवा की कुर्सी है खतरे में
विदेश मामलों के जानकार कमर आगा ने बताया कि इमरान के पास कोई विकल्प बचा नहीं है। वे खुद तो डूबे ही सेना को भी ले भी डूबे। सेना ही उन्हें सत्ता में लेकर आई थी। उन्हें जबरदस्ती सेना के दम पर जीत हासिल हुई थी, लेकिन पाकिस्तान के अंदरूनी हालात जिस तरह के हो गए हैं और जिस तरह की आर्थिक अस्थिरता देश में आ गई है, अब सेना के खिलाफ भी पाकिस्तान में माहौल बन गया है। सेना की जो योजना थी, उसमें वह सफल नहीं हो पाई। सेना जनता में एक्सपोज हो गई। हो सकता है कि अब कमर जावेद बाजवा को भी जाना पड़ जाए।
वे बताते हैं अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए उनकी ही राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कई सांसदों ने विपक्ष के साथ जुगलबंदी कर ली है। प्रस्ताव से पहले ही उनकी पार्टी के अंदर भी विद्रोह हो गया है। इसका मतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव को जीतना इमरान खान के लिए बड़ी कठिन परीक्षा होगी।
राजनीतिक भविष्य क्या होगा?
कमर आगा कहा कि यदि इमरान खान को सत्ता से हटे तो उनका राजनीतिक भविष्य चौपट हो सकता है। अब उनका राजनीतिक अस्तित्व अब सेना के रहमो-करम पर है। इसकी बड़ी वजह यह है कि उनकी पार्टी में टूट हो सकती है जिससे अपनी ही पार्टी को रिवाइव करना उनके लिए कठिन हो जाएगा।
क्या नवाज शरीफ की सत्ता में होगी वापसी ?
आगा के मुताबिक इस समय पाकिस्तान कोई दूसरा बड़ा नेता नजर नहीं आ रहा है, जो इस हालात में पाकिस्तान की सत्ता संभाल सके। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरूर इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, लेकिन राजनीति में वे अभी परिपक्व नहीं हुए हैं। इसलिए शायद वे इस मौके का फायदा नहीं उठा सकें।
दूसरी तरफ नवाज शरीफ के छोटे भाई और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने इमरान खान के जबरदस्त खिलाफ हैं, लेकिन उनके भी पीएम बनने के आसार कम हैं। लिहाजा मौजूदा हालात को देखकर ऐसा लग रहा है कि लोगों का भरोसा जीतने के लिए सेना नवाज शरीफ को फिर से पाकिस्तान की सत्ता सौंप सकती है। हालांकि इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ भी कहना कठिन है।