प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में सोनभद्र के ओबरा में लगभग 18 हजार करोड़ रूपये (17985.27 करोड़) की लागत से 2×800 मेवा की ओबरा ‘डी’ तापीय परियोजना की स्थापना को मंजूरी प्रदान की गयी।
लखनऊ : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में सोनभद्र के ओबरा में लगभग 18 हजार करोड़ रूपये (17985.27 करोड़) की लागत से 2×800 मेवा की ओबरा ‘डी’ तापीय परियोजना की स्थापना को मंजूरी प्रदान की गयी। परियोजना की स्थापना एनटीपीसी और उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निलि के 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी के संयुक्त उद्यम मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से की जायेगी।
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मंत्रिपरिषद के इस निर्णय की जानकारी आज लोकभवन के मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना की स्थापना में 70 प्रतिशत धनराशि का उपयोग लगभग 12,589.68 करोड़ रूपये वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करके किया जायेगा। बाकी 30 प्रतिशत धनराशि का 50 प्रतिशत लगभग 2,697.79 करोड़ रूपये राज्य सरकार एवं शेष धनराशि एनटीपीसी द्वारा लगायी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना की स्थापना प्रदेश सरकार और एनटीपीसी के बीच ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 11 फरवरी, 2023 को हुए एमओयू के तहत की जा रही हैं
एके शर्मा ने बताया कि यह राज्य की पहली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट होगी। ऐसे प्लांट अब तक प्रदेश में नहीं बने। इस तरह के प्लांट की टेक्नोलॉजी एडवांस होती है, इनकी एफिशिएंसी काफी ज्यादा होती है और इसमें कोयले की खपत भी काफी कम होती है। जिससे बिजली उत्पादन की लागत में कमी आती है। उन्होंने बताया कि इसकी पहली यूनिट 50 महीने में और दूसरी यूनिट 56 महीने में तैयार होकर बिजली उत्पादन शुरू कर देगी। ओबरा ‘डी’ परियोजना से औसतन 4.89 रूपये प्रति यूनिट बिजली मिल सकेगी, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। अभी यूपीपीसीएल द्वारा औसतन 5.50 रूपये प्रति यूनिट बिजली खरीदी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्लांट एनसीएल कोल माइंस के पास ही स्थापित होगा। जहां से इसे कोयला प्राप्त होगा। इससे कोयले की ढुलाई में कम खर्च आयेगा। इस प्लांट को पानी ओबरा रिजर्वायर से मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस प्लांट की स्थापना करने के लिए लगभग 500 एकड़ जमीन उपलब्ध है। शेष जमीन और खरीदी जायेगी।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी विद्युत उत्पादन की कुल क्षमता 7682 मेवा है। इसमें से तापीय ऊर्जा की 7158 मेवा और जल विद्युत की 524 मेवा है, लेकिन यह 1600 मेवा की ओबरा ‘डी’ तापीय परियोजना अभी तक की स्थापित परियोजनाओं की 25 प्रतिशत क्षमता के बराबर होगी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग राज्य के उपभोक्ताओं को पर्याप्त और सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए गम्भीर प्रयास कर रहा है।