पीएम ने कहा, अनेक वर्षों से महिला आरक्षण पर बहुत चर्चाएं और वाद-विवाद हुए हैं। 1996 में इससे जुड़ा बिल पहली बार पेश हुआ था। अटल जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया, लेकिन उसे पास कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए। जिस वजह से वो सपना अधूरा रह गया। महिलाओं को अधिकार देने और उनकी शक्ति का उपयोग करने के इस पवित्र काम के लिए शायद ईश्वर ने मुझे चुना है।
Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन संसद की कार्रवाई नए संसद भवन से शुरू हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई संसद में पहली बार सदस्यों को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि, नए संसद भवन का ये प्रथम और ऐतिहासिक सत्र है। मैं सभी माननीय सांसदों और देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। ये अवसर कई मायनों में अभूतपूर्व है। आजादी के अमृतकाल का ये ऊषाकाल है और भारत अनेक सिद्धियों के साथ नए संकल्प लेकर, नए भवन में अपना भविष्य तय करने के लिए आगे बढ़ रहा है। आज आधुनिक भारत और हमारे लोकतंत्र के प्रतीक नए संसद भवन का शुभारंभ हुआ है। सुखद संयोग है कि आज गणेश चतुर्थी का शुभ दिन है।
पीएम ने कहा कि, आज जब हम एक नई शुरुआत कर रहे हैं, तब हमें अतीत की हर कड़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना है। हम यहां से हमारे आचरण, वाणी और संकल्पों से जो भी करेंगे, वो देश के लिए, हर नागरिक के लिए प्रेरणा का कारण बनना चाहिए। हम सबको इस दायित्व को निभाने के लिए भरसक प्रयास भी करना चाहिए। उन्होंने कहा, भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए, भावना भी बदलनी चाहिए। संसद राष्ट्रसेवा का सर्वोच्च स्थान है। ये संसद दलहित के लिए नहीं है। हमारे संविधान निर्माताओं ने इस पवित्र संस्था का निर्माण दलहित के लिए नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ देशहित के लिए किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, अभी चुनाव दूर हैं, अभी हमारे पास समय बचा है। मैं मानता हूं कि इस सदन में जो व्यवहार होगा, वो निर्धारित करेगा कि कौन इधर बैठने के लिए व्यवहार करता है और कौन उधर बैठने के लिए व्यवहार करता है। उन्होंने कहा, लोकतंत्र में राजनीति, नीति और शक्ति का इस्तेमाल समाज में प्रभावी बदलाव का एक बहुत बड़ा माध्यम होता है। इसलिए Space हो या Sports हो, स्टार्टअप्स हो या SHG हो, हर क्षेत्र में दुनिया भारतीय महिलाओं की ताकत देख रही है।
उन्होंने कहा, सिर्फ महिलाओं के विकास की बात पर्याप्त नहीं है, हमें मानव जाति की विकास यात्रा में नए पड़ाव को अगर प्राप्त करना है, राष्ट्र की विकास यात्रा में नई मंजिलों को अगर पाना है, तो ये आवश्यक है कि Women Led Development को हम बल दें। महिला सशक्तिकरण की हमारी हर योजना ने महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, हर देश की विकास यात्रा में ऐसे milestone आते हैं, जब वो गर्व से कहता है कि आज के दिन हम सबने नया इतिहास रचा है। नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में मैं बड़े विश्वास और गर्व से कह रहा हूं कि आज का ये पल, आज का ये दिवस इतिहास में नाम दर्ज कराने वाला है।
पीएम ने कहा, अनेक वर्षों से महिला आरक्षण पर बहुत चर्चाएं और वाद-विवाद हुए हैं। 1996 में इससे जुड़ा बिल पहली बार पेश हुआ था। अटल जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया, लेकिन उसे पास कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए। जिस वजह से वो सपना अधूरा रह गया। महिलाओं को अधिकार देने और उनकी शक्ति का उपयोग करने के इस पवित्र काम के लिए शायद ईश्वर ने मुझे चुना है। एक बार फिर हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। कल ही कैबिनेट ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी है। आज 19 सितंबर की ये तारीख इसीलिए इतिहास में अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि, Women Led Development के अपने संकल्प को आगे बढ़ाते हुए, आज हमारी सरकार प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर रही है। इस विधेयक का लक्ष्य लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार करना है। पीएम ने कहा, नारीशक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। मैं देश की माताओं, बहनों, बेटियों को नारीशक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।