ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यूपी में जनवरी के पहले सप्ताह से योगी सरकार बाजारों का समय में कटौती कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार योगी सरकार रविवार को साप्ताहिक बंदी का ऐलान सकती है। बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए योगी सरकार प्रदेश में 25 दिसंबर शनिवार से नाइट कर्फ्यू लागू कर चुकी है। 25 दिसंबर से रात 11:00 से सुबह 5:00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू होगा। शादियों में 200 से ज्यादा लोगों को इजाजत नहीं होगी।
लखनऊ। ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यूपी में जनवरी के पहले सप्ताह से योगी सरकार बाजारों का समय में कटौती कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार योगी सरकार रविवार को साप्ताहिक बंदी का ऐलान सकती है। बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए योगी सरकार प्रदेश में 25 दिसंबर शनिवार से नाइट कर्फ्यू लागू कर चुकी है। 25 दिसंबर से रात 11:00 से सुबह 5:00 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू होगा। शादियों में 200 से ज्यादा लोगों को इजाजत नहीं होगी।
25 दिसंबर से प्रदेशव्यापी रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू प्रभावी है। हर दिन रात्रि 11 बजे से प्रातः 05 बजे तक रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लागू है। शादी-विवाह आदि सार्वजनिक आयोजनों में कोविड प्रोटोकॉल का साथ अधिकतम 200 लोगों के भागीदारी की अनुमति होगी। आयोजनकर्ता इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को देगा।
बाजारों में “मास्क नहीं तो सामान नहीं” के संदेश के साथ व्यापारियों को जागरूक करें। बिना मास्क कोई भी दुकानदार ग्राहक को सामान न दे। सड़कों/बाजारों में हर किसी के लिए।मास्क अनिवार्य किया जाए। पुलिस बल लगातार गश्त करे। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को और प्रभावी बनाया जाए।
देश के किसी भी राज्य से अथवा विदेश से उत्तर प्रदेश की सीमा में आने वाले हर एक व्यक्ति की ट्रेसिंग-टेस्टिंग की जाए। बस, रेलवे और एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए।
निगरानी समितियों ने कोरोना प्रबंधन में सराहनीय कार्य किया है। तीसरी लहर के दृष्टिगत गांवों और शहरी वार्डों में निगरानी समितियों को पुनः एक्टिव करें। बाहर से आने वाले हर एक व्यक्ति की टेस्टिंग कराएं। उनके स्वास्थ्य पर सतत नजर रखी जाए। आवश्यकतानुसार लोगों को क्वारन्टीन किया जाए, अस्पतालों में भर्ती कराया जाए।
कोविड की तीसरी लहर की आशंका के दृष्टिगत हमने पूर्व में व्यवस्थित तैयारियां की हैं। जिनका पुनर्परीक्षण कर लिया जाए। प्रदेश के सभी शासकीय/निजी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधाओं की बारीकी से परख कर ली जाए। औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क और डे केयर सेंटर फिर एक्टिव करें।