यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) ने अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग (CBCID) का नाम बदलकर अब अपराध अनुसंधान विभाग (CID) कर दिया है। यह फैसला सरकार द्वारा अपराध अनुसंधान प्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं सरल बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) ने अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग (CBCID) का नाम बदलकर अब अपराध अनुसंधान विभाग (CID) कर दिया है। यह फैसला सरकार द्वारा अपराध अनुसंधान प्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं सरल बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। प्रदेश सरकार के गृह (पुलिस) विभाग के तरफ से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब से CBCID को CID के नाम से जाना जाएगा। यह नाम परिवर्तन तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
जानें क्या है बदलाव का उद्देश्य?
उत्तर प्रदेश पुलिस के इस महत्वपूर्ण विभाग का मुख्य कार्य अपराधों की गहन जांच करना, फॉरेंसिक विश्लेषण, अपराधियों की पहचान और संगठित अपराधों की पड़ताल करना है। नाम परिवर्तन से विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी, जिससे जनता और पुलिस कर्मियों को विभाग की भूमिका को समझने में सुविधा होगी।
CBCID से CID बनने के बाद क्या बदलेगा?
पुराना नाम: अपराध अनुसंधान विभाग (CBCID)
नया नाम: अपराध अनुसंधान विभाग (CID)
प्रभाव: विभाग की प्रशासनिक और कानूनी कार्यवाही पहले की तरह जारी रहेगी, केवल नाम में बदलाव किया गया है।
सरकारी मंजूरी: राज्यपाल ने इस बदलाव को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। गृह विभाग के विशेष सचिव राकेश कुमार मालपानी द्वारा हस्ताक्षरित आदेश के अनुसार, यह बदलाव 16 मार्च 2025 से प्रभावी होगा। जनता और पुलिस अधिकारियों के लिए क्या मायने रखता है यह बदलाव?
विशेषज्ञों का मानना है कि CBCID शब्द की जटिलता के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति रहती थी, लेकिन CID नाम ज्यादा सरल और व्यापक रूप से मान्य है। इससे विभाग की पहचान मजबूत होगी और जांच प्रक्रिया में समन्वय और प्रभावशीलता बढ़ेगी। प्रदेश सरकार ने इस निर्णय के जरिए अपराध जांच प्रणाली को सशक्त करने और विभाग को एक नई पहचान देने का प्रयास किया है। अब देखना होगा कि इस बदलाव का अपराध नियंत्रण और जांच प्रक्रियाओं पर क्या असर पड़ता है।