1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. योगी जी जल जीवन मिशन योजना पर घुमाइये नजरें, कमीशन की भेंट चढ़ चुका है सुल्तानपुर में एक्सईएन,पूर्व CMD के यहां मिला था करोड़ों का कैश

योगी जी जल जीवन मिशन योजना पर घुमाइये नजरें, कमीशन की भेंट चढ़ चुका है सुल्तानपुर में एक्सईएन,पूर्व CMD के यहां मिला था करोड़ों का कैश

यूपी में जल जीवन मिशन योजना में 1 लाख 50  हजार करोड़ रुपये की इस योजना में राज्य और केंद्र सरकार का आधा-आधा शेयर है। इस काम को तीन सालों में पूरा किया जाना था, लेकिन अभी तक केंद्र मोदी सरकार व यूपी की योगी सरकार की यह योजना कमीशन के खेल के चलते दम तोड़ती नजर आ रही है।

By टीम पर्दाफाश 
Updated Date

लखनऊ। यूपी में जल जीवन मिशन योजना में 1 लाख 50  हजार करोड़ रुपये की इस योजना में राज्य और केंद्र सरकार का आधा-आधा शेयर है। इस काम को तीन सालों में पूरा किया जाना था, लेकिन अभी तक केंद्र मोदी सरकार व यूपी की योगी सरकार की यह योजना कमीशन के खेल के चलते दम तोड़ती नजर आ रही है।

पढ़ें :- Cloudflare Down: दुनियाभर में क्लाउडफ्लेयर सर्विस पड़ी ठप, नेटिज़न्स ने एक्स पर ला दी शिकायतों की बाढ़

सूत्रों की मानें तो जल जीवन मिशन योजना कमीशन का खेल का इस कदर हाबी है कि पांच से साढ़े पांच फीसदी भुगतान किए बगैर टेंडर नहीं मिलता है। यूपी ‘जल जीवन मिशन’ में काम कर रही कंपनियों से अधिकारियों ने कमीशन के नाम पर जमकर वसूली भी की। लिहाजा, कंपनी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में अपने मन मुताबिक काम कर रही हैं और लोगों तक शुद्ध जल पहुंचाने का सपना भी धुंधला होता दिख रहा है।

करीब सात माह पूर्व सुल्तानपुर जिले जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्य कर रही एजेंसी की कार्य की गुणवत्ता ने होने पर उसको ब्लैक लिस्ट कर पेमेंट रोक दिया था। इसके साथ ही काम की जांच करवाने का आदेश जल निगम के एक्सईएन (अधिशासी अभियंता) संतोष कुमार ​ने दिया था। पेमेंट रोकने और काम की जांच करवाने से नाराज ठेकेदार अमित कुमार ने सुल्तानपुर में दिनदहाड़े जल निगम के एक्सईएन (अधिशासी अभियंता) संतोष कुमार की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।

भ्रष्टाचार की चाश्नी में डूबे वॉटर एंड पॉवर कंसल्टेंसी लिमिटेड (WAPCOS) के पूर्व CMD राजेंद्र कुमार गुप्ता के ठिकानों से बीते भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ था। कैश की ये रकम अब तक 38 करोड़ से ज्यादा बताई गई थी। भ्रष्टाचार के इस बड़े खुलासे के बाद अब सवाल केंद्र और प्रदेश सरकार की अन्य संस्थाओं पर भी सवाल खड़े हुए। लोगों का कहना था कि अगर एक संस्था के पूर्व सीएमडी के यहां पर इतनी बड़ी रकम बरामद हो सकती है तो जांच एजेंसियों को केंद्र और प्रदेश की अन्य संस्थाओं की भी जांच करनी चाहिए। पहले भी इन संस्थानों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं लेकिन सब रफा दफा कर दिया जाता है। कहा जाता है कि, इसके पीछे सरकारों के बड़े अधिकारियों के नाम ना आए इसको लेकर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। दरअसल, इस तरह के भ्रष्टाचार में सबकी बराबर की ​भागीदारी सामने आती है।

इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर केंद्र सरकार खूब फोकस कर रही है। रुपये भी पानी की तरह ही इस योजना में लगाए जा रहे हैं, ताकि लोगों को जल मिल सके। इसका उद्देश्य पीने का शुद्ध पानी देना था लेकिन कहीं भी आरसैनिक/फोलोराइड/टीडीएस युक्त पानी और अब नोएडा और गाजियाबाद में पानी में यूरेनियम पाई जाने की खबर भी आई हैं।

पढ़ें :- Modi-Putin Joint Statement : पुतिन,बोले- 'भारत को जारी रहेगी फ्यूल सप्लाई', पीएम मोदी ने कहा- रूसी नागरिकों को मिलेगा फ्री ई-टूरिस्ट वीजा

सौर ऊर्जा से जुड़े कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी एसएफएल सोलर प्राइवेट लिमिटेड ने 8000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इस परियोजना में 5 फीसदी कमीशन यानी 400 करोड़ रुपये की मांग की गई, जिससे पूरा मामला विवादों में आ गया। जिसके बाद इन्वेस्ट यूपी के CEO अभिषेक प्रकाश (CEO of Invest UP Abhishek Prakash) को निलंबित कर दिया गया। योगी जी भ्रष्टाचार मामले में जल जीवन मिशन योजना काफी बड़ा खेल कर रही है। इस पर नजरें घुमाएंगे तो देश का सबसे बड़ा घोटाला साबित हो सकता है। इसके बारे में पर्दाफाश जल्द सुबूत अपने पाठकों के सामने पेश करेगा।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...