व्रत, त्योहार,अनुष्ठान,पर्व के क्रम में एकादशी का व्रत सर्वाधिक फलदायी होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि का बहुत महत्व है।
Yogini Ekadashi 2022 Date : व्रत, त्योहार,अनुष्ठान,पर्व के क्रम में एकादशी का व्रत सर्वाधिक फलदायी होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि का बहुत महत्व है। एकादशी के बारे में पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत का विधिविधान से पालन करने से जीवन मरण के बाधा से मुक्ति मिल जाती है। इस सांसारिक भवबंधन से मुक्ति मिल जाती है। जीव और परमात्मा के संबंध को प्रगाढ़ करने के लिए यह व्रत सर्वाधिक उपयोगी माना जाता है। एकादशी व्रत में प्रभु नारायण और देवी महालक्ष्मी के साथ मनोयोग से पूजा की जाती है। आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी के रूप में जाना जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार योगिनी एकादशी व्रत की बहुत महिमा है।
योगिनी एकादशी यानी आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि 23 जून को रात 09:41 बजे से प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 24 जून को रात 11:12 बजे हो रहा है। 24 जून को योगिनी एकादशी के दिन साध्य और शुभ योग बन रहे हैं।
एकादशी व्रत के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन इस व्रत का पालन करने वालों के लिए वर्जित है। इस दिन घर के अन्य सदस्यों को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। निर्जला एकादशी के दिन चावल, नमक के अलावा बैंगन, मूली, प्याज, लहसुन और मसूर की दाल जैसे अशुद्ध चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत में इन चीजों का सेवन करने से व्रत भंग हो सकता है।