प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर गुजरात के मोरबी में राम भक्त पवनसुत हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हनुमान जी अपनी भक्ति से, अपने सेवाभाव से, सबको जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई हनुमान जी से प्रेरणा पाता है। इसलिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी हनुमान जी एक अहम सूत्र हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव( Hanuman Janmotsav ) के मौके पर गुजरात के मोरबी (Morbi) में राम भक्त पवनसुत हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति (108 feet Hanuman Statue) का अनावरण किया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हनुमान जी अपनी भक्ति से, अपने सेवाभाव से, सबको जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई हनुमान जी (Hanuman Ji) से प्रेरणा पाता है। इसलिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी हनुमान जी (Hanuman Ji) एक अहम सूत्र हैं।
PM Shri @narendramodi unveils 108ft statue of Hanuman Ji at Morbi, Gujarat. https://t.co/uYu0x4JQSm
— BJP (@BJP4India) April 16, 2022
पीएम मोदी (PM Modi) ने मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा कि हनुमान वो शक्ति और संबल हैं, जिन्होंने समस्त वनवासी प्रजातियों और वन बंधुओं को मान और सम्मान का अधिकार दिलाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रामकथा का आयोजन भी देश के अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है। भाषा-बोली जो भी हो, लेकिन रामकथा की भावना सभी को जोड़ती है, प्रभु भक्ति के साथ एकाकार करती है। यही तो भारतीय आस्था की, हमारे आध्यात्म की, हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा की ताकत है।
देश के चारों कोने में स्थापित हो रही मूर्ति
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि मुझे बताया गया है कि हनुमान जी (Hanuman Ji) की इस तरह की 108 फीट ऊंची प्रतिमा देश के अलग-अलग कोने में स्थापित की जा रही है। हम पिछले कई वर्षों से शिमला में हनुमान जी (Hanuman Ji) की प्रतिमा देख रहे हैं, आज मोरबी में दूसरी प्रतिमा स्थापित हुई है। दो अन्य मूर्तियों को दक्षिण में, रामेश्वरम और पश्चिम बंगाल में स्थापित करने का कार्य चल रहा है।
सबका साथ, सबका प्रयास प्रभु राम की जीवन लीला
मोरबी (Morbi) में मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका प्रयास का उत्तम प्रमाण प्रभु राम की जीवन लीला भी है। जिसके हनुमान जी (Hanuman Ji) बहुत अहम सूत्र रहे हैं। सबका प्रयास की इसी भावना से आजादी के अमृत काल को हमें उज्जवल करना है, राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि के लिए जुटना है। हजारों वर्षों से बदलती स्थितियों के बावजूद भारत के अटल और अडिग रहने में हमारी सभ्यता और संस्कृति की बड़ी भूमिका रही है। हमारी आस्था और संस्कृति की धारा सद्भाव, समावेश, समभाव की है।
राम ने सक्षम होते हुए भी लिया सबका साथ
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब बुराई पर अच्छाई को स्थापित करने की बात आई तो प्रभु राम ने सक्षम होते हुए भी, सबका साथ लेने का, सबको जोड़ने का, समाज के हर तबके के लोगों को जोड़ने का काम किया और सबको जोड़कर उन्होंने इस काम को संपन्न किया। यही तो है सबका साथ-सबका प्रयास।