प्रदेश के 12 नगर पालिक निगमों के महापौर ने सीएम डॉक्टर मोहन यादव से मुलाकात की। सीएम डॉक्टर यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी नगर निगमों में विकास समिति बनाई जाएगी।
भोपाल। प्रदेश के 12 नगर पालिक निगमों के महापौर ने सीएम डॉक्टर मोहन यादव से मुलाकात की। इन महापौरों ने न केवल अपने शहरों की समस्याओं से सीएम को अवगत कराया वहीं शहर का विकास कैसे हो सकता है, इस मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा की।
नगर निगमों में विकास समिति बनाई जाएगी
महापौरों से चर्चा करते हुए सीएम डॉक्टर यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी नगर निगमों में विकास समिति बनाई जाएगी। अपने शहर के विकास के लिए डॉक्टर, इंजीनियर, सिटी प्लानर, प्रोफेसर, लेक्चरर, टीचर सब मिलकर काम करेंगे। हमने इसी बजट में शहरों में विकास समिति बनाने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि महापौर शहर के प्रथम नागरिक हैं। नगर और नागरिकों के विकास के लिए पूरी क्षमता, समर्पण और सेवा भावना से काम करें। उन्होंने कहा कि हमारे शहर विकास के मामले में अव्वल रहें, इसके लिए नगर विकास के रोडमेप पर लगातार चर्चा की जाएगी।
शराबबंदी लागू करने के लिए स्वागत अभिनंदन
म.प्र. महापौर संघ के अध्यक्ष पुष्यमित्र भार्गव (महापौर इंदौर) के नेतृत्व में प्रदेश के 12 शहरों के महापौर ने समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में सौजन्य भेंट की। भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय, उज्जैन महापौर मुकेश टटवाल, सागर महापौर श्रीमती संगीता तिवारी, रीवा महापौर अजय मिश्रा, खंडवा महापौर सुश्री अमृता यादव, रतलाम महापौर प्रह्लाद पटेल, देवास महापौर श्रीमती गीता अग्रवाल, छिंदवाड़ा महापौर विक्रम आहाके, कटनी महापौर श्रीमती प्रीति सूरी, बुरहानपुर महापौर सुश्री माधुरी पटेल और सिंगरौली महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल ने प्रदेश के पवित्र शहरों में शराबबंदी लागू करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पुष्पगुच्छ देकर एवं अंगवस्त्रम् ओढ़ाकर स्वागत अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 30 मार्च से 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। जल बचाना बेहद जरूरी है। इसलिए सभी महापौर अपने निगम क्षेत्रों में इस अभियान के तहत प्राथमिकता से जल संरक्षण के काम कराएं और जन सहभागिता से इस अभियान को सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगीकरण के लिए प्रयास जारी हैं। नगर निगम अपने क्षेत्र के विकास के लिए प्रस्ताव दें। बच्चों, अकांक्षी युवाओं को कैरियर डेवलपमेंट कैंप या व्यक्तित्व सुधार शिविर आदि लगाएं। अपने जन बल (समर्थन) का उपयोग शहर के विकास में करें। नगर सरकार की अवधारणा को मजबूत बनाने के लिए काम करें। निगम मित्तव्यता बरतें, अपने खर्च कम करें और विकास के कामों के लिए राजस्व जुटाएं। हर साल नए नए काम करें और आय अर्जन के स्रोत सृजित करके आत्मनिर्भर बनने की ओर आगे बढ़ें।