हाउस रेंट अलाउंस या एचआरए एक वेतन घटक है जो एक नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को उस शहर में रहने की आवास लागत के लिए भुगतान किया जाता है। नियोक्ता वेतन संरचना, वेतन राशि और निवास के शहर जैसे मानदंडों के आधार पर भुगतान की जाने वाली एचआरए राशि तय करते हैं।
11.56 लाख से अधिक कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) को 1 जनवरी 2021 से लागू करने की मांग पर वित्त मंत्रालय ने मंथन शुरू कर दिया है यह प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भी मंजूरी के लिए भेजा गया है
इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर्स एसोसिएशन (IRTSA) और नेशनल फेडरेशन ऑफ रेलवेमेन (NFIR) ने 1 जनवरी 2021 से HRA लागू करने की मांग की है। अगर यह मान लिया जाता है तो बकाया मिलने के साथ ही लाखों कर्मचारियों का एचआरए बढ़ जाएगा। उन्हें लगभग 5400 रुपये से 8100 रुपये प्रति माह का लाभ होगा।
महंगाई भत्ते में वृद्धि से उनका मकान किराया भत्ता (एचआरए) और परिवहन भत्ता (टीए) बढ़ जाएगा। सातवें वेतन आयोग के पे मैट्रिक्स के मुताबिक हर लेवल के कर्मचारी के वेतन में अलग-अलग बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा, उन्होंने उल्लेख किया कि सातवें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिश में प्रस्ताव दिया था कि जब डीए 25 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा, तो एचआरए भी बढ़ जाएगा। इसकी दर 8, 16, 24 प्रतिशत से बढ़कर 9, 18 और 27 प्रतिशत हो जाएगी।
किसी का मूल वेतन 30000 रुपये है तो उसे करीब 5400 रुपये से 8100 रुपये प्रतिमाह का लाभ मिलेगा मकान किराया भत्ता की राशि न्यूनतम 5400 रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है, जो इससे कम नहीं हो सकती।
हाउस रेंट अलाउंस या एचआरए एक वेतन घटक है जो एक नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को उस शहर में रहने की आवास लागत के लिए भुगतान किया जाता है। नियोक्ता वेतन संरचना, वेतन राशि और निवास के शहर जैसे मानदंडों के आधार पर भुगतान की जाने वाली एचआरए राशि तय करते हैं। एक करदाता के रूप में, एक कर्मचारी प्रत्येक वर्ष आवास के लिए किराए के रूप में भुगतान की जाने वाली राशि पर कर लाभ का दावा कर सकता है।