कभी कभी क्रिकेट के मैदान पर ऐसी घटनायें घट जाती है जिस पर आंखों को भी यकीन नहीं होता। नियमों पर विश्वास नहीं होता। ऐसी ही एक घटना ऑस्ट्रेलिया में खेली जा रही महिलाओं की नेशनल क्रिकेट लीग में देखने को मिला, जहां बल्लेबाज क्लीन बोल्ड होने के बाद भी आउट नहीं दिया गया।
नई दिल्ली। कभी कभी क्रिकेट के मैदान पर ऐसी घटनायें घट जाती है जिस पर आंखों को भी यकीन नहीं होता। नियमों पर विश्वास नहीं होता। ऐसी ही एक घटना ऑस्ट्रेलिया में खेली जा रही महिलाओं की नेशनल क्रिकेट लीग (National Cricket League) में देखने को मिला, जहां बल्लेबाज क्लीन बोल्ड होने के बाद भी आउट नहीं दिया गया। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा तो नोबॉल होने पर ही संभव हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है। क्वींसलैंड और तस्मानिया के बीच हुए इस मैच में बेलिंडा वाकारेवा की गेंद पर जॉर्जिया वोल क्लीन बोल्ड हो गईं, लेकिन फील्डिंग (Fielding) करने वाली टीम से किसी ने भी अपील नहीं की थी।
क्रिकेट का नियम है कि जब तक फील्डिंग करने वाली टीम या गेंदबाज अपील नहीं करता है, तब तक अंपायर बल्लेबाज को आउट नहीं दे सकता है। यहां भी ऐसा ही कुछ हुआ। क्वींसलैंड की पारी के 14वें ओवर में वाकारेवा की गेंद पर जॉर्जिया ने सीधे बल्ले से शॉट खेला, लेकिन वह बैट को गेंद से कनेक्ट(Conect) नहीं कर सकी थीं। इस दौरान कमेंटेटरों को भी यही लगा कि विकेटकीपर के दस्तानों के कारण बेल्स गिरी हैं, लेकिन ऐसा नहीं था। बाद में जब इस वाकये का रिप्ले(Replay) दिखाया गया तो सभी को इस बात का पता चला।
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