HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. आम आदमी पार्टी को मिला कांग्रेस का हाथ, अध्यादेश पर केजरीवाल सरकार का समर्थन करेगी पार्टी

आम आदमी पार्टी को मिला कांग्रेस का हाथ, अध्यादेश पर केजरीवाल सरकार का समर्थन करेगी पार्टी

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के साथ खींचतान जारी है। इसी बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) और उनकी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को कांग्रेस का मजबूत हाथ मिला है। कांग्रेस (Congress) ने कहा कि वह दिल्ली अधिकारियों की पोस्टिंग-ट्रांसफर पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के साथ खींचतान जारी है। इसी बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) और उनकी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को कांग्रेस का मजबूत हाथ मिला है। कांग्रेस (Congress) ने कहा कि वह दिल्ली अधिकारियों की पोस्टिंग-ट्रांसफर पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 11 मई को फैसला दिया कि दिल्ली में सरकारी अफसरों पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा। इसके सात दिन बाद केंद्र ने अध्यादेश जारी किया था, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अंतिम अधिकार एलजी को दिया गया था।

पढ़ें :- अंबेडकर को लेकर अमित शाह के बयान पर हमलावर हुई कांग्रेस, आज देशव्यापी प्रदर्शन

इससे पहले अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष से सहयोग की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार इस अध्यादेश को कानून बनाने के लिए राज्यसभा में लाती है तो विपक्ष हमारा साथ दे। विपक्ष एक साथ होगा, तो 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी खत्म हो जाएगी।

केजरीवाल ने कहा कि इस अध्यादेश के विरोध में वे देशभर की विपक्षी पार्टियों से मिलकर समर्थन मांगेंगे। इसके लिए केजरीवाल 23 मई को वे कोलकाता में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मिलेंगे। 24 मई को मुंबई में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और 25 मई को मुंबई में ही शरद पवार से मिलेंगे। इसके बाद वे अन्य विपक्षी दलों से सिलसिलेवार मुलाकात करेंगे।

11 मई को आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने 11 मई को फैसला दिया कि दिल्ली में सरकारी अफसरों पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा। 5 जजों की संविधान पीठ (Constitutional Bench) ने एक राय से कहा- पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे।

पढ़ें :- उनका काम संविधान और अंबेडकर जी के किए गए काम को खत्म करना है...राहुल गांधी ने गृहमंत्री के बयान पर साधा निशाना

केजरीवाल सरकार ने सर्विस सेक्रेटरी का ट्रांसफर किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  की संवैधानिक बेंच के फैसले के एक दिन बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने सर्विस सेक्रेटरी आशीष मोरे को हटा दिया। दिल्ली सरकार का आरोप है कि एलजी ने इस फैसले पर रोक लगा दी है। एलजी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  के आदेश के बावजूद ऐसा कर रहे हैं। यह कोर्ट के आदेश की अवमानना है। हालांकि, बाद में एलजी ने फाइल पास कर दी।

केंद्र ने 19 मई को जारी किया अध्यादेश

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  के फैसले के 7 दिन बाद केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली सरकार के अधिकारों पर अध्यादेश जारी कर दिया। अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी एलजी का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा। ​​​​संसद में अब 6 महीने के अंदर इससे जुड़ा कानून भी बनाया जाएगा।

इसके बाद केंद्र सरकार ने 20 मई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका लगाई। केंद्र ने संवैधानिक बेंच (Constitutional Bench) द्वारा दिए गए 11 मई के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  को फिर से विचार करने की अपील की।

पढ़ें :- डॉ. आंबेडकर को दो बार चुनाव में हराया, भारत रत्न नहीं दिया...पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...