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Aanand swaroop shukla jeevan parichay : आनंद के विधानसभा के चुनाव में हैरतअंगेज प्रदर्शन से पूरे नगर समेत आनंदमय हो गई थी भाजपा

आज हम जानेंगे बलिया जिले के शहरी क्षेत्र 361 बलिया सदर विधानसभा के विधायक आनंद स्वरुप शुक्ला के बारे में। आनंद बलिया की क्रांतिकारी धरती से पहली बार भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और पहली ही बार में चुनाव में जोरदार प्रदर्शन कर विधानसदन पहुंच गये।

By प्रिन्स राज 
Updated Date

Aanand swaroop shukla jeevan parichay: आज हम जानेंगे बलिया जिले के शहरी क्षेत्र 361 बलिया सदर विधानसभा के विधायक आनंद स्वरुप शुक्ला(MLA of Ballia Sadar Vidhan Sabha Anand Swaroop Shukla) के बारे में। आनंद बलिया की क्रांतिकारी धरती से पहली बार भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और पहली ही बार में चुनाव में जोरदार प्रदर्शन कर विधानसदन पहुंच गये। आनंद का जन्म 6 अक्टूबर 1979 को बलिया नगर के एक ब्राहम्ण परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम हरिहर नाथ शुक्ल है। इनके पिता अपने जातीय पेशे से कथा वाचक हैं और पूजा पाठन का कार्य भी देखते हैं। बेहद ही सधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले आनंद हिन्दू धर्म के ब्राहम्ण जाति(Brahmin caste of Hindu religion) से आते हैं।

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प्रारम्भिक शिक्षा

आंनद स्वरुप शुक्ल की प्रारम्भिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा बलिया नगर क्षेत्र के ही समान्य स्कूलों से हुई। इंटरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद इनका दाखिला स्नातक की पढ़ाई के लिए नगर स्थित कॉलेज सतीश चंद्र कॉलेज में हुआ। इसी दौरान इनकी रुचि राजनीति( politics) में भी बढ़ने लगी। अच्छा वक्ता और चेहरे पर मुस्कान की छटा बिखेरने का गुण लिए आनंद राजनीति की नर्सरी छात्र राजनीति में कूद पड़े। और इन्होंने अपने कॉलेज से छात्रसंघ का सिर्फ चुनाव ही नहीं लड़ा बल्कि ये वहां से अध्यक्ष भी चुने गये।

पिता का नाम:     श्री हरिहर नाथ शुक्ल
जन्‍म तिथि:          6 अक्टूबर,1979
जन्‍म स्थान:          बलिया
धर्म:                    हिन्दू
जाति:                 ब्राह्मण
शिक्षा:                स्नातकोत्तर, बी0एड0
व्‍यवसाय:           कृषि
मुख्यावास:        अशोक नगर, सतनी सराय, जिला-बलिया ।

राजनीतिक योगदान:    2017सत्रहवीं विधान सभा के सदस्य

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विशेष अभिरूचि:   अन्तिम व्यक्ति की सेवा, अध्ययन, फुटबाल।

राजनीतिक कद

राजनीति के साथ साथ फुटबाल के खेल में रुची लेने वाले आनंद ने बलिया की राजनीति में कब सटीक गोल कर डाला ये बात अच्छे अच्छे राजनीतिक पंडितों के समझ में नहीं आई। छात्र राजनीति से आगे बढ़ते हुए इन्होंने कई सालों तक भाजपा के गोरक्षप्रांत के पदाधिकारी के तौर पर कार्य किया। बलिया शहर में भाजपा 2017 के विधानसभा के चुनावों से पहले के चुनावों में पिछले कई सालों से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी। हर चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक(performance disappointing) रहा। इस दौरान बड़े बड़े सूरमाओं ने चुनावों में अपनी ताल ठोंकी। लेकिन कोई भी नेता लंबे समय से चले आ रहे सूखे को खत्म नहीं कर पाया।

2014 के लोकसभा चुनाव में देश में मोदी की लहर चली और केंद्र में भाजपा की सरकार बनी। उत्तर प्रदेश भी कहा पीछे रहने वाला था प्रदेश ने भी राज्य में भाजपा को पूर्ण बहुमत( absolute majority) दे डाला। इस माहौल ने भी आनंद को बहुत फायदा पहुंचाया। 2017 के विधानसभा के चुनाव में आनंद ने सपा के प्रत्याशी लक्ष्मण गुप्ता को लाखों वोटो के अंतर से हरा दिया। भाजपा की पूर्ण बहुमत सरकार में ये सिर्फ विधायक ही नहीं रहे। इन्होंने विधायक से राज्य के मंत्री तक का सफर भी तय कर डाला। ये वर्तमान की सरकार में संसदीय कार्य,ग्रामीण विकास, समग्र ग्राम विकास राज्य मंत्री(Minister of State for Parliamentary Affairs, Rural Development, Overall Rural Development) हैं। आनंद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के काफी करीबी बतायें जाते हैं।

कार्यकाल के दौरान लगे आरोप

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जल्द ही इस भाजपा की सरकार के पांच साल पूरे होने को है। इसी के साथ साथ आनंद स्वरुप शुक्ल के भी कार्यकाल के पांच साल भी पूरे हो जायेंगे। लेकिन आनंद के कार्यो से बलिया की स्थानीय जनता प्रभावित नहीं हो पाई। बरसात के मौसम में बलिया के कई वीवीआईपी कालोनियों (VVIP Colonies) जैसे आवास विकास कालोनी,श्री राम बिहार कालोनी,स्वामी विवेकानंद कालोनी जैसे कई और कालोनियों में भारी जलजमाव हो जाता है।

जलजमाव इतना की कालोनियों से बाहर आने के लिए लकड़ी तक के रास्ते बनाने पड़े। स्था​नीय लोगो के अनुसार इस बात की शिकायत कई बार विधायक जी से भी की गई लेकिन इस मुद्दे पर कार्य होना तो दूर ध्यान तक भी नहीं दिया गया। कोरोना के दूसरे और भयावह काल में भी विधायक जी अपने क्षेत्र से नदारद रहे। स्थानीय लोगो के अनुसार ये खुद को कोराना से पीड़ित बता कर के लखनऊ(Lucknow) के एसजीपीजीआई(SGPGI) अस्पताल में डटे रहे। स्वास्थ,शिक्षा,बिजली जैसे बेसिक मुद्दों(Basic Issues) के मामलों में बलिया जिला इनके भी कार्यकाल में उपेक्षा का शिकार रहा।

 

 

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