भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) बुधवार को कहा कि किसान अपने सारे काम छोड़कर मतदान जरूर करें। कहा कि जो वोट का प्रयोग नहीं करता उसे आंदोलन का अधिकार भी नहीं है। चौधरी राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि विधानसभा चुनाव लोकतंत्र का त्योहार है। सभी किसान अपने मत का प्रयोग अवश्य करें।
सहारनपुर। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) बुधवार को कहा कि किसान अपने सारे काम छोड़कर मतदान जरूर करें। कहा कि जो वोट का प्रयोग नहीं करता उसे आंदोलन का अधिकार भी नहीं है। चौधरी राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि विधानसभा चुनाव लोकतंत्र का त्योहार है। सभी किसान अपने मत का प्रयोग अवश्य करें। नोटा का बटन बिल्कुल न दबाएं। उन्होंने कहा कि 13 माह आंदोलन करने के बाद व फसलों के आधे रेट पर बिकने पर किसान सोच समझकर अपना वोट करें। उन्होंने किसानों से शांतिपूर्ण माहौल में मतदान कराने का आह्वान किया।
यूपी विधानसभा की 58 सीटों के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार शाम छह बजे थम गया। पहले चरण में यूपी की 11 जिलों की इन 58 सीटों पर गुरुवार 10 फरवरी को वोटिंग होगी। कोरोना की तीसरी लहर के चलते चुनाव आयोग द्वारा लगाई बंदिशों के चलते प्रचार कार्य काफी प्रभावित रहा है।
बता दें कि आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य में सात चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण में शामली की तीन, मुजफ्फरनगर की छह, बागपत की तीन, गाजियाबाद की पांच, हापुड़ की तीन, गौतम बुद्ध नगर की तीन, बुलंद शहर, मेरठ और अलीगढ़ की सात-सात, मथुरा की पांच और आगरा की नौ सीटें शामिल हैं। मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम छह बजे तक निर्धारित है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कोरोना के खतरे के चलते वोटिंग के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के पालन पर भी खास ध्यान दिया जाएगा।
पहले चरण के अंतर्गत 58 विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को होने वाली वोटिंग के लिए 10766 पोलिंग सेंटर और 25849 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। पहले चरण में कुल 623 प्रत्याशी मैदान में है, जिसमें 549 पुरुष, 73 महिला और एक अन्य शामिल है।
पहले चरण में 22783739 मतदाता वोट डालेंगे, जिसमें 12331251 पुरुष, 10451053 महिला और 1435 अन्य शामिल हैं। पहले चरण के अंतर्गत जिन सीटों पर मतदान होना है, वहां किसान आंदोलन का मुद्दा अहम है। माना जा रहा है कि किसानों की नाराजगी, सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। यूपी चुनावों में वैसे तो बीजेपी, सपा, बसपा, कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी प्रत्याशी उतारे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच ही होने की संभावना है।