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Agneepath Scheme : अग्निपथ योजना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, सुनवाई अगले सप्ताह

केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के खिलाफ आंदोलन ठंडा पड़ने के बाद वकील एम एल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। इस योजना के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) राजी भी हो गया है। इस मामले में सुनवाई अब अगले सप्ताह होगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के खिलाफ आंदोलन ठंडा पड़ने के बाद वकील एम एल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। इस योजना के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) राजी भी हो गया है। इस मामले में सुनवाई अब अगले सप्ताह होगी।

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कोर्ट दायर याचिका में कहा गया है कि दो साल से वायुसेना में नियुक्ति का इंतजार कर रहे लोगों को आशंका है कि उनका 20 साल का करियर चार साल में सिमट जाएगा। इस याचिका में आगे कहा गया है कि साल 2017 में 70 हजार से अधिक छात्रों को ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग के बाद छात्रों को आश्वासन दिया गया कि नियुक्ति पत्र राजी किया जाएगा, लेकिन अब इस योजना के लाए जाने के बाद से इनका करियर दांव पर है।

वहीं वकीलों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की बेंच सुनवाई के लिए तैयार हो गई। बेंच ने कहा कि याचिका को अगले सप्ताह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

तीनों सेनाओं में भर्ती प्रक्रिया जारी

बता दें कि तीनों सेनाओं में भर्ती प्रक्रिया जारी है। थलसेना में भर्ती प्रक्रिया जहां 1 जुलाई से शुरू हो गई। वहीं वायुसेना में इससे पहले 24 जून जबकि नौसेना में 25 जून से शुरू हो गई। इस भर्ती में 17.5 वर्ष से 21 वर्ष तक के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे। हालांकि, इस साल के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी कर्मियों को वापस से रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा।

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बता दें कि उम्मीदवारों को सशस्त्र बलों में आगे नामांकन के लिए चुने जाने का कोई अधिकार नहीं होगा। चयन सरकार का अनन्य क्षेत्राधिकार होगा। मेडिकल ट्रेडमैन को छोड़कर भारतीय वायु सेना के नियमित कैडर में एयरमैन के रूप में नामांकन केवल उन्हीं कर्मियों को दिया जाएगा, जिन्होंने अग्निवीर (Agniveer) के रूप में अपनी सेवा की अवधि पूरी कर ली है।

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