1. हिन्दी समाचार
  2. तकनीक
  3. Airtel के मैनेजर कर रहे थे विदेश में बैठे साइबर अपराधियों की मदद; पुलिस ने किया गिरफ्तार

Airtel के मैनेजर कर रहे थे विदेश में बैठे साइबर अपराधियों की मदद; पुलिस ने किया गिरफ्तार

Airtel Two Managers Arrest: देश में लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम के बीच गुरुग्राम में पुलिस ने एयरटेल के 2 मैनेजरों को गिरफ्तार किया है। जिन पर इंडोनेशिया और चीन के साइबर क्रिमिनल्स को वर्चुअल फोन नंबर उपलब्ध कराने का आरोप लगा है। यह गिरफ्तारी साइबर क्राइम थाना ईस्ट पुलिस और इंडियन साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) एमएचए ने संयुक्त रूप से की। इस मामले में टेलीकॉम कंपनी ने दोनों कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।

By Abhimanyu 
Updated Date

Airtel Two Managers Arrest: देश में लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम के बीच गुरुग्राम में पुलिस ने एयरटेल के 2 मैनेजरों को गिरफ्तार किया है। जिन पर इंडोनेशिया और चीन के साइबर क्रिमिनल्स को वर्चुअल फोन नंबर उपलब्ध कराने का आरोप लगा है। यह गिरफ्तारी साइबर क्राइम थाना ईस्ट पुलिस और इंडियन साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) एमएचए ने संयुक्त रूप से की। इस मामले में टेलीकॉम कंपनी ने दोनों कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।

पढ़ें :- विदेश नीति के लिए परिभाषित गेम प्लान की ज़रूरत- विदेश मंत्री एस जय शंकर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एयरटेल के दोनों मैनेजरों की गिरफ्तारी साइबर फ्रॉड की एक विक्टिम की शिकायत के बाद हुईं। दोनों आरोपियों की पहचान नीरज वालिया और हेमंत शर्मा के रूप में हुई है। ये दोनों एयरटेल के सीनियर मैनेजर और साइट वेरिफिकेशन मैनेजर के रूप में काम रहे थे। इन पर इंडोनेशिया और चीन में बैठे ठगों को वर्चुअल सिम नंबर उपलब्ध कराने का आरोप है। इन मैनेजरों की ओर से उपलब्ध कराए गए नंबरों से कंपनी को हर महीने 8 से 10 लाख रुपये बिल के रूप में मिलते थे। पुलिस ने ठगी को अंजाम देने में इस्तेमाल दो मोबाइल बरामद किए हैं।

जांच से पता चला कि पीड़िता से संपर्क करने के लिए इस्तेमाल किया गया वर्चुअल फोन नंबर एकमदर्श सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक फ्रॉड कंपनी का था, जिसके डॉक्यूमेंट्स में डूंडाहेड़ा के एड्रेस का जिक्र था। हालांकि, लोकेशन पर जाने पर ऐसी कोई कंपनी नहीं मिली। पुलिस ने पाया कि वर्चुअल नंबर को नीरज और हेमंत ने जारी किया गया था। एसीपी प्रियांशु दीवान के अनुसार, नीरज ने एयरटेल में फोन नंबर इश्यू करने के लिए जरूरी साइट वेरिफिकेश का काम संभालता था। जबकि, हेमंत उसका टीम लीडर था। दोनों ने ट्राई के नियमों का उल्लंघन करते हुए फर्जी कंपनी को एक डीआईडी ​​(डायरेक्ट इनवर्ड डायलिंग) वर्चुअल लैंडलाइन नंबर जारी किया।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसने वर्क फ्रॉम होम का ऑफर देने वाले स्कैमर्स के कारण 10 हजार रुपये गंवा दिए। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता से कांटैक्ट करने के लिए जिस नंबर का स्कैमर्स ने इस्तेमाल किया था उसका STD कोड गुरुग्राम का था। पीड़िता के अनुसार, उनके पास एक नंबर से कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया। अलग-अलग होटल के रिव्यू डालकर पैसा कमाने की बात कही गई थी। टास्क पूरा करते ही उसके बैंक अकाउंट में 200 रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। उसके सबाद आरोपियों ने टेलिग्राम ग्रुप में जोड़ा। टास्क देते हुए दो-तीन बार छोटे-छोटे अमाउंट खाते में ट्रांसफर किए गए। इसके बाद उनसे मोटी रकम निवेश के नाम पर लेकर ठगी की गई।

इस मामले की जांच में कई ऐसे नंबरों का खुलासा हो सकता है, जिन्हें आरोपियों ने गलत तरीके से जारी किया था। पुलिस को आरोपियों के वट्सऐप ग्रुप में और भी कंपनियों के लिए नंबर व क्लाउड बेस्ड सर्विस के कनेक्शन जारी करने के सबूत मिले हैं, जिन्हें लेकर पुलिस टीमें जांच में जुट गई हैं। पूछताछ के लिए आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। एसीपी ने कहा, ‘हमें एक वॉट्सएप ग्रुप में सबूत मिले हैं, जिससे पता चला कि आरोपी ने बिना सही वेरिफिकेशन कई और कंपनियों को वर्चुअल फोन नंबर जारी किए हैं। हम अभी इन कंपनियों की वैधता की जांच कर रहे हैं और यह भी पता लगा रहे हैं कि नंबरों को कैसे यूज किया गया’। फिलहाल, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बीएनएस धारा 318 (4) (धोखाधड़ी), 319 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), और 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है।

पढ़ें :- Blue Turmeric Benefits : नीली हल्दी खाती हैं प्रियंका गांधी, आपको भी चौंका देंगे इसके फायदे

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...