भाजपा (BJP) के खिलाफ देश के विपक्षी दल एकता के प्रयास में लगे हुए हैं। इसी बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बसपा प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि मायावती (Mayawati) वही करती हैं, जो भाजपा उसे करने के लिए कहती है। कहा कि मायावती (Mayawati) भाजपा (BJP) को फायदा पहुंचाने वाली ऐसी नेता हो गई हैं, जो अपनी ही बनाई जेल में कैद हैं और उनका जेलर दिल्ली में बैठा है।
लखनऊ। भाजपा (BJP) के खिलाफ देश के विपक्षी दल एकता के प्रयास में लगे हुए हैं। इसी बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बसपा प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि मायावती (Mayawati) वही करती हैं, जो भाजपा उसे करने के लिए कहती है। कहा कि मायावती (Mayawati) भाजपा (BJP) को फायदा पहुंचाने वाली ऐसी नेता हो गई हैं, जो अपनी ही बनाई जेल में कैद हैं और उनका जेलर दिल्ली में बैठा है।
बसपा वही करती है जो भाजपा उसे कहती है
अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि बसपा वही करती है जो भाजपा उसे करने के लिये कहती है। उन्होंने कहा कि मायावती के निशाने पर भाजपा नहीं बल्कि सपा होती है। चुनाव में भी बसपा ऐसे उम्मीदवार को उतारती है, जिसकी वजह से सपा हारे। उन्होंने कहा कि वह भाजपा से नहीं लड़ रही हैं, वो तो अपनी एक बनाई हुई जेल में बंद हैं, उनका जेलर मुझे लगता है कि दिल्ली में बैठा हुआ है।
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पिछले दो विधानसभा चुनाव में बसपा की मदद के बिना भाजपा की सरकार नहीं बन सकती थी। अखिलेश ने मायावती के पिछले फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में बसपा ने एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन किया। इसी तरह आजमगढ़ के उपचुनाव में उन्होंने कुछ नहीं बोला और दो दिन बाद भाजपा का समर्थन कर दिया।
मायावती भाजपा के ही इशारे पर लखनऊ तक सीमित हो गई
इससे पहले भी अखिलेश यादव बसपा और मायावती पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते रहे हैं। पहली बार उन्होंने जेल और जेलर जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है। माना जा रहा है कि मायावती के लखनऊ से बाहर नहीं निकलने को लेकर अखिलेश ने यह निशाना साधा है। अखिलेश यह कहना चाहते हैं कि मायावती भाजपा के ही इशारे पर लखनऊ तक सीमित हो गई हैं। हालांकि सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। चुनाव में सपा के पांच और बसपा के 10 उम्मीदवार जीते थे। यह गठबंधन नाकाम साबित होने के बाद टूट गया।