आजमगढ़ और रामपुर सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को हार मिली है। 2019 लोकसभा चुनाव में सपा ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन उपचुनाव में यहां पर हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव में मिली हार के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का पहला बयान आया है।
By-elections Azamgarh Rampur 2022: आजमगढ़ और रामपुर सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को हार मिली है। 2019 लोकसभा चुनाव में सपा ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन उपचुनाव में यहां पर हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव में मिली हार के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का पहला बयान आया है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘भाजपा के राज में लोकतंत्र की हत्या की क्रॉनॉलॉजी..नामांकन के समय चीरहरण, नामांकन निरस्त कराने का षड्यंत्र, प्रत्याशियों का दमन, मतदान से रोकने के लिए दल-बल का दुरुपयोग, काउंटिंग में गड़बड़ी, जन प्रतिनिधियों पर दबाव और चुनी सरकारों को तोड़ना। ये है आज़ादी के अमृतकाल का कड़वा सच।’
भाजपा के राज में लोकतंत्र की हत्या की क्रॉनॉलॉजी:
-नामांकन के समय चीरहरण
-नामांकन निरस्त कराने का षड्यंत्र
-प्रत्याशियों का दमन
-मतदान से रोकने के लिए दल-बल का दुरुपयोग
-काउंटिंग में गड़बड़ी
-जन प्रतिनिधियों पर दबाव
-चुनी सरकारों को तोड़नाये है आज़ादी के अमृतकाल का कड़वा सच!
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 26, 2022
इससे पहले धर्मेंद्र यादव का बयान सामने आया था। उन्होंने कहा कि, हम हार को स्वीकार कर रहे हैं लेकिन आजमगढ़ की जनता का धन्यवाद करूंगा, जिन्होंने मेरा इतना समर्थन किया। उन्होंने कहा कि, मुझे अफसोस है कि मैं इस सीट को नहीं बचा पाया लेकिन 2024 में यहां फिर से साइकिल दौड़ेगी। इस दौरान उन्होंने हार के कारण को भी बताया।
धर्मेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा और बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा, जिसके कारण उनको चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही उन्होंने बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली को महज एक मोहरा बताया है। वहीं, 2024 के चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि अगर पार्टी जहां से चाहेगी वहां से वो चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि, आजमगढ़ से भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने जीत हासिल की है।