'One Nation, One Election' News: केंद्र की मोदी सरकार 'एक देश एक चुनाव' (One Nation, One Election) पर ज़ोर देती आयी है, अब इसको लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक कमेठी (Committee) गठित की गयी है। जिसके बाद तमाम दलों के नेताओं की ओर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जिसमें कई नेताओं ने इसका समर्थन किया है, जबकि कई दल विरोध में हैं। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
‘One Nation, One Election’ News: केंद्र की मोदी सरकार ‘एक देश एक चुनाव’ (One Nation, One Election) पर ज़ोर देती आयी है, अब इसको लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक कमेठी (Committee) गठित की गयी है। जिसके बाद तमाम दलों के नेताओं की ओर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जिसमें कई नेताओं ने इसका समर्थन किया है, जबकि कई दल विरोध में हैं। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ‘एक देश एक चुनाव’ पर सलाह देते हुए प्रयोग के तौर पर यूपी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव (UP Assembly and Lok Sabha elections) एक साथ कराने की बात कही है। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ‘हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है, इसी बात के आधार पर हम ये सलाह दे रहे हैं कि ‘एक देश-एक चुनाव’ करवाने से पहले भाजपा सरकार, इस बार लोक सभा के साथ-साथ देश के सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटोंवाले राज्य उत्तर प्रदेश के लोकसभा-विधानसभा के चुनाव साथ कराके देख ले। इससे एक तरफ़ चुनाव आयोग की क्षमता का भी परिणाम सामने आ जाएगा और जनमत का भी, साथ ही भाजपा को ये भी पता चल जाएगा कि जनता किस तरह भाजपा के ख़िलाफ़ आक्रोशित है और उसको सत्ता से हटाने के लिए कितनी उतावली है।’
हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है, इसी बात के आधार पर हम ये सलाह दे रहे हैं कि ‘एक देश-एक चुनाव’ करवाने से पहले भाजपा सरकार, इस बार लोक सभा के साथ-साथ देश के सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटोंवाले राज्य उत्तर प्रदेश के लोकसभा-विधानसभा के चुनाव साथ कराके देख ले।…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 2, 2023
विशेष सत्र में पेश हो सकता है विधेयक
दरअसल, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ यानी ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार का मतलब देश में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा के चुनावों को एक साथ कराए जाने से है। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से अपना वोट डालेंगे। वहीं, इसको लेकर कमेटी का गठन किए जाने और 18-22 सितम्बर को संसद का विशेष सत्र बुलाये जाने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
माना जा रहा है कि विशेष सत्र के दौरान स्ज़रकर ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर विधेयक पेश कर सकती है। आगामी विशेष सत्र पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 9 वर्षों का पहला ऐसा विशेष सत्र होगा। ये पांच दिनों का पूर्ण सत्र होगा, जिसमें पांच बैठकें होंगी। इसमें सामान्य सत्र की तरह दोनों सदनों की अलग-अलग बैठकें होंगी।