उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में फेरबदल की चर्चा चल रही है। मंगलवार को भी इसको लेकर बैठकों को दौर जारी रहा। पीएम मोदी के करीबी अफसर रहे एके शर्मा को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं। इसके साथ ही डिप्टी सीएम केशव मौर्य को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कमान देने की बात कही जा रही है। वहीं, इसको लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में फेरबदल की चर्चा चल रही है। मंगलवार को भी इसको लेकर बैठकों को दौर जारी रहा। पीएम मोदी के करीबी अफसर रहे एके शर्मा को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं। इसके साथ ही डिप्टी सीएम केशव मौर्य को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कमान देने की बात कही जा रही है। वहीं, इसको लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा है।
अखिलेश ने बंगाल के मुख्य सचिव को लेकर भी वार किया। अखिलेश ने मंगलवार को योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि नेतृत्व की आंतरिक खींचतान का असर राज्य के कामकाज पर पड़ रहा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, भाजपा की नीति, उप्र के मुख्यमंत्री पर उनकी मर्ज़ी के विरुद्ध दिल्ली से भेजा एक अधिकारी थोपना व प. बंगाल की मुख्यमंत्री जी की मर्ज़ी के विरुद्ध एक अधिकारी को प. बंगाल से दिल्ली बुलाना। उप्र में डबल इंजन से राज्य को खींचने के झूठे वादे करने वालों के बीच खींचातानी जारी है।
अजब है भाजपा की नीति, उप्र के मुख्यमंत्री पर उनकी मर्ज़ी के विरुद्ध दिल्ली से भेजा एक अधिकारी थोपना व प. बंगाल की मुख्यमंत्री जी की मर्ज़ी के विरुद्ध एक अधिकारी को प. बंगाल से दिल्ली बुलाना।
उप्र में डबल इंजन से राज्य को खींचने के झूठे वादे करने वालों के बीच खींचातानी जारी है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 1, 2021
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साथ ही उन्होंने कहा कि चार वर्ष बाद भाजपा और सरकार में तालमेल बिठाने के लिए संगठन नेतृत्व को बैठक करनी पड़ रही है। इन बैठकों और संघ के परामर्श का एकमात्र उद्देश्य फिर सत्ता पर काबिज होना है। राज्य कोरोना के संकट से अभी उभरा भी नहीं कि भाजपा सत्ता के लिए बदहवास है। अखिलेश ने कहा कि जनहित के निर्णयों में देरी के साथ तमाम विकास योजनाएं भी ठप हैं।
सरकारी मशीनरी कुंठित और निष्क्रिय भूमिका में है। इलाज, दवा सभी की मारामारी से चारों तरफ हाहाकार मचा है। अपनी नाकामी छुपाने के लिए झूठी कहानियां गढ़ी जाने का दौर चल रहा हैं। भाजपा सरकार का यह कहना कि दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर का पुख्ता इंतजाम सरकार ने कर लिया है जबकि दूसरी लहर के इंतजाम ही पूरे नहीं हो पाए हैं।