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Akshaya Tritiya 2022 : अक्षय तृतीया पर 50 साल बाद बन रहा है ये खास संयोग, करें ये उपाय तो आएगी सुख-समृद्धि

Akshaya Tritiya: अक्षय तृतीया पर्व (Akshaya Tritiya) आगामी तीन को मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। हिन्दू कैलेंडर (Hindu calendar) के अनुसार, हर वर्ष वैशाख के महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya)  कहते हैं। इस दिन को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Akshaya Tritiya: अक्षय तृतीया पर्व (Akshaya Tritiya) आगामी तीन को मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। हिन्दू कैलेंडर (Hindu calendar) के अनुसार, हर वर्ष वैशाख के महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya)  कहते हैं। इस दिन को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है।

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आगामी 3 मई के दिन अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya)  मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार 50 सालों के बाद अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya)  पर ग्रहों (Planets) के विशेष योग बन रहे हैं। यह संयोग आमतौर पर देखने को नहीं मिलता है। इसलिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस शुभ अवसर पर कुछ खास कार्य करने से घर में खुशहाली और समृद्धि आती है।

अक्षय तृतीया पर करें ये कार्य

ग्रहों के विशेष संयोग पर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अबूझ मुहूर्त बन रहा है जिस चलते किसी भी तरह के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। ज्योतिषी के अनुसार अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र, तैतिल करण, शोभन योग और वृषभ राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। माना जा रहा है कि शोभन योग ग्रहों के पूरे संयोग को शुभ बनाने में विशेष स्थान रखता है। इसलिए इस दिन निम्न कार्य करने का विशेष महत्व है।

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन दान करने को बेहद शुभ माना जाता है। गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति की मदद को प्राथमिकता दिए जाने को अच्छा कहते हैं।

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इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की उपासना पूरे मनभाव से किए जाने की मान्यता है। उनके समक्ष जल भरकर कलश रखा जाता है।

भगवान विष्णु को अक्षय तृतीया पर पीले फूल, चन्दन और पंचामृत अर्पित करना शुभ माना जाता है।

इसके अलावा पितरों की पूजा की जाती है। मान्यतानुसार पितरों के लिए कलश में जल भरकर रखा जाता है।

पितरों का ध्यान करते हुए काले तिल, चंदन और सफेद फूलों से पूजा करने की विशेष मान्यता है।

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