Amit Shah in Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) को लेकर को लेकर बीजेपी (BJP) एक्टिव मोड़ में आ चुकी है। चुनाव से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे हैं। दौरे के पहले दिन अमित शाह (Amit Shah) ने भाजपा सदस्यता अभियान की शुरूआत की। इस दौरान उन्होंने पार्टी के सभी नेताओं को स्वागत किया।
Amit Shah in Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) को लेकर को लेकर बीजेपी (BJP) एक्टिव मोड़ में आ चुकी है। चुनाव से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे हैं। दौरे के पहले दिन अमित शाह (Amit Shah) ने भाजपा सदस्यता अभियान की शुरूआत की। इस दौरान उन्होंने पार्टी के सभी नेताओं को स्वागत किया।
अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि उत्तर प्रदेश को भाजपा (BJP) ने अपनी पहचान दिलाने का काम किया गया है। बीजेपी (BJP) ने सिद्ध किया है कि सरकारें जो बनती हैं, वो परिवार के लिए नहीं होती, उसका संकल्प गरीब से गरीब परिवार का विकास करना होता है। बीजेपी (BJP) ने यह करके दिखाया है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah लखनऊ में 'मेरा परिवार-भाजपा परिवार' सदस्यता अभियान का शुभारंभ करते हुए। #BJPUPMembershipDrive https://t.co/dayHMKN3en
— BJP (@BJP4India) October 29, 2021
इस दौरान उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर जमकर हमला बोला। उन्होंने पूछा कि प्रदेश में कोरोना और बाढ़ की जब दिक्कत हुई उस समय अखिलेश यादव कहां थे? अमित शाह ने कहा कि पांच साल तक घर बैठने वाले, नए कपड़े सिलाकर चुनाव के मैदान में आ गए हैं।
मैं एक हिसाब अखिलेश जी से मांगता हूं कि 5 साल में आप कितनी बार विदेश गए हैं। इसका हिसाब लखनऊ और उत्तर प्रदेश की जनता को दे दीजिए। उन्होंने कहा कि भाजपा का घोषणा पत्र कोई NGO या संस्था नहीं बनाती है। 22 करोड़ जनता द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर भाजपा का घोषणा पत्र तैयार होता है।
दूरबीन लेकर बाहुबली को खोजता हूं
अमित शाह ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि पहले हर जिले में एक या दो बाहुबली होते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। मैं दूरबीन लेकर खोजता हूं लेकिन अब कोई भी बाहुबली नहीं दिखाई देता है।
पलायन करने वालों का हो गया पलायन
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में प्रदेश के कई जिलों से लोग पलायन कर रहे थे। लेकिन 2017 के बाद से ये सब बंद हो गया। पलायन कराने वालों का ही खुद पलायन हो गया।