आंवला नवमी के दिन व्रत रखकर आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे पूजा अर्चना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
Amla Navami 2024 : आंवला नवमी के दिन व्रत रखकर आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे पूजा अर्चना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन को अक्षय नवमी भी कहते हैं अक्षय नवमी के इस शुभ दिन पर, लोग विभिन्न प्रकार की धार्मिक गतिविधियों में व्यस्त रहते है। आंवला नवमी को कूष्माण्डा नवमी और जगधात्री पूजा के नाम से भी जाना जाता है। स्कंद पुराण के मुताबिक, अक्षय नवमी को आंवला पूजन करने से स्त्री जाति को अखंड सौभाग्य मिलता है।
कूष्माण्डा नवमी
कूष्माण्डा नवमी सिद्धि प्रदान करने वाली होती है। इसके पूजन से समस्त रोग-शोक दूर हो जाते हैं भक्त को दैवीय आशीर्वाद प्राप्त होता है। कूष्माण्डा नवमी पूजा आयु में वृद्धि करने वाली और व्यक्ति को मान सम्मान और यश प्रदान करती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार अक्षय नवमी का आरंभ 9 नवंबर की रात को 10 बजकर 45 मिनट पर होगा और अगले दिन 10 नवंबर को रात 9 बजकर 1 मिनट पर इसका समापन होगा। इसलिए उदया तिथि की मान्यता के अनुसार अक्षय नवमी 10 नवंबर की रात को मनाई जाएगी।
आंवले का दान और सेवन
अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु के साथ ही शिवजी का भी वास होता है। इसलिए इस दिन आंवले का दान और सेवन जरूर करना चाहिए। इस दिन परिवार समेत आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने से आपके घर में खुशहाली आती है।