असम सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण हर संभव कदम उठाने की रणनीति पर इस समय गंभीरता से कार्य कर रही है। इस योजना के तहत मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जागरुकता फैलाने के लिए 'जनसंख्या सेना' सरकार ने गठित करने का निर्णय लिया है।इस सेना के माध्यम से सरकार इन इलाकों में गर्भनिरोधक वितरित कराएगी, वहीं जागरुकता फैलाने के लिए 10 हजार युवाओं वाली जनसंख्या टीम को इस अभियान पर लगाएगी। सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लगातार कोशिशों में जुटी है।
नई दिल्ली। असम सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण हर संभव कदम उठाने की रणनीति पर इस समय गंभीरता से कार्य कर रही है। इस योजना के तहत मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जागरुकता फैलाने के लिए ‘जनसंख्या सेना’ सरकार ने गठित करने का निर्णय लिया है।
इस सेना के माध्यम से सरकार इन इलाकों में गर्भनिरोधक वितरित कराएगी, वहीं जागरुकता फैलाने के लिए 10 हजार युवाओं वाली जनसंख्या टीम को इस अभियान पर लगाएगी। सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लगातार कोशिशों में जुटी है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि, सरकार जागरुकता पैदा करने और लोगों के बीच गर्भनिरोधक वितरित करने के लिए लगभग 10 हजार युवाओं को शामिल करना चाहती है। सोमवार को असम विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा गूंजा। जिस पर सरकार ने जवाब दिया है।
कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद ने एक सवाल किया, जिसके जवाब में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को जनसंख्या सेना बनाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक जनसंख्या सेना तैयार करेगी, जिसे विशेष रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उच्च जनसंख्या वृद्धि दर वाले क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। राज्य सरकार और जनसंख्या सेना, जनसंख्या नियंत्रण उपायों के बारे में जागरुकता फैलाने का काम करेंगे।
आशा कार्यकर्ताओं की भी होगी नियुक्ति
असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार आशा कार्यकर्ताओं का एक अलग फोर्स तैयार करेगी, जिसकी संख्या करीब 10 हजार होगी। आशा कार्यकर्ताओं को अलग-अलग हिस्सों में नियुक्त किया जाएगा, जहां वे घर-घर जाकर बर्थ कंट्रोल को लेकर लोगों को जागरूक करेंगी।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि लड़कियों के लिए शादी की उम्र को बढ़ाया जाए। बता दें कि असम सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लगातार प्रयासरत नजर आई है। सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य में रहने वाले अल्पसंख्यक मुस्लिम नेताओं से परिवार नियोजन नीति अपनाने की अपील की थी। सरकार धीरे-धीरे टू चाइल्ड पॉलिसी वाली योजना पर भी आगे बढ़ रही है।