प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम स्थित तामुलपुर मे चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री के भाषण कर रहे थे तभी भाजपा का एक कार्यकर्ता संभवतः पानी ना मिल पाने के कारण बेहोश हो गया। पीएम मोदी ने जैसे ही देखा उन्होंने मंच से ही प्रधानमंत्री कार्यालय की मेडिकल टीम को निर्देश दिया कि वह कार्यकर्ता के पास पहुंचे।
तामुलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम स्थित तामुलपुर मे चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री के भाषण कर रहे थे तभी भाजपा का एक कार्यकर्ता संभवतः पानी ना मिल पाने के कारण बेहोश हो गया। पीएम मोदी ने जैसे ही देखा उन्होंने मंच से ही प्रधानमंत्री कार्यालय की मेडिकल टीम को निर्देश दिया कि वह कार्यकर्ता के पास पहुंचे। पीएम ने मंच से ही कहा कि ये जो पीएमओ की मेडिकल की टीम है वो जाए जरा वहां कार्यकर्ता पानी के अभाव के कुछ तकलीफ हुई है।
तुरंत उनकी मदद कीजिए। मेरे साथ जो डॉक्टर्स आए हैं वह जरा उस साथी की मदद करें,उन्हें पानी के अभाव में कुछ तकलीफ हुई है। इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए के डबल इंजन सरकार ने पिछले पांच वर्षों में असम के लोगों को दोहरा लाभ दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि विकास हो रहा है, कनेक्टिविटी में सुधार हो रहा है, जिससे महिलाओं के लिए जीवन आसान हो रहा है। युवाओं के लिए अवसर बढ़ रहे हैं।
मोदी ने कहा कि मेरे राजनीतिक अनुभव के आधार पर, जनता के प्यार की भाषा, जनता के आशीर्वाद की ताकत पर मैं कहता हूं कि असम में एक बार फिर आप लोगों ने एनडीए सरकार बनाना तय कर लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि असम की पहचान का बार-बार अपमान करने वाले लोग, यहां की जनता को बर्दाश्त नहीं हैं। असम को दशकों तक हिंसा और अस्थिरता देने वाले, अब असम के लोगों को अब एक पल भी स्वीकार नहीं हैं।
असम के लोग विकास, स्थिरता, शांति, भाईचारा, सद्भावना के साथ हैं। मोदी ने कहा कि दो चरणों की वोटिंग के बाद आज तामूलपुर में आपके दर्शन करने का मुझे अवसर मिला है। इन दोनों चरणों के बाद असम में फिर एक बार एनडीए सरकार, ये लोगों ने तय कर लिया है। सभा में मोदी ने कहा कि हम जब भी कोई योजना बनाते हैं, तो सबके लिए बनाते हैं।
हर क्षेत्र के लोगों को, हर वर्ग के लोगों तक, बिना भेदभाव, बिना पक्षपात, उस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए हम कड़ी मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में कुछ बातें ऐसी गलत चल रही हैं। अगर हम समाज में भेदभाव करके, समाज के टुकड़े करके अपने वोटबैंक के लिए कुछ दे दें, तो दुर्भाग्य देखिए। उसे देश में सेक्युलरिज्म कहा जाता है।