1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Astrology: जानिए क्या होती है ग्रहों की युति, कितना होता है इसका प्रभाव

Astrology: जानिए क्या होती है ग्रहों की युति, कितना होता है इसका प्रभाव

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रह निरन्तर गोचर करते हैं। ग्रह अपनी चाल के कारण अन्य राशियों में विरण करतेे रहते है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार,जब दो ग्रह एक ही राशि में हों तो इसे ग्रहों की युति कहा जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

ग्रह गोचर: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रह निरन्तर गोचर करते हैं। ग्रह अपनी चाल के कारण अन्य राशियों में विरण करतेे रहते है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार,जब दो ग्रह एक ही राशि में हों तो इसे ग्रहों की युति कहा जाता है। जब दो ग्रह एक-दूसरे से सातवें स्थान पर हों अर्थात् 180 डिग्री पर हों, तो यह प्रतियुति कहलाती है। अशुभ ग्रह या अशुभ स्थानों के स्वामियों की युति-प्रतियुति अशुभ फलदायक होती है, जबकि शुभ ग्रहों की युति शुभ फल देती है। इसी तरह सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना संक्रान्ति कहलाता है।

पढ़ें :- Jupiter transit in Taurus : देवताओं के गुरु बृहस्पति देव का वृषभ में हो रहा है गोचर , जानें  विभिन्न राशियों पर प्रभाव

ग्रहों की युति के फल

सूर्य-गुरु : उत्कृष्ट योग, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, यश दिलाता है। उच्च शिक्षा हेतु दूरस्थ प्रवास योग तथा बौद्धिक क्षेत्र में असाधारण यश देता है।

सूर्य-शुक्र : कला क्षेत्र में विशेष यश दिलाने वाला योग होता है। विवाह व प्रेम संबंधों में भी नाटकीय स्थितियाँ निर्मित करता है।

सूर्य-बुध : यह योग व्यक्ति को व्यवहार कुशल बनाता है। व्यापार-व्यवसाय में यश दिलाता है। कर्ज आसानी से मिल जाते हैं।

पढ़ें :- Sita Navami 2024 : सीता नवमी का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है , जानें तिथि और पूजन

सूर्य-मंगल : अत्यंत महत्वाकांक्षी बनाने वाला यह योग व्यक्ति को उत्कट इच्छाशक्ति व साहस देता है। ये व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध करने की योग्यता रखते हैं।

सूर्य-शनि : अत्यंत अशुभ योग, जीवन के हर क्षेत्र में देर से सफलता मिलती है। पिता-पुत्र में वैमनस्य, भाग्य का साथ न देना इस युति के परिणाम हैं।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...