Auto and Taxi Drivers on Strike: दिल्ली के लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है, एकतरफ जहां कोलकाता रेप-मर्डर के विरोध में डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं वहीं दूसरी तरफ ऑटो-टैक्सी चालकों ने आज से दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
Auto and Taxi Drivers on Strike: दिल्ली के लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है, एकतरफ जहां कोलकाता रेप-मर्डर (Kolkata Rape-Murder case) के विरोध में डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं वहीं दूसरी तरफ ऑटो-टैक्सी चालकों ने आज से दो दिवसीय हड़ताल (Two Day Strike) का ऐलान किया है। जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में ऑटो और टैक्सी चालक यूनियनों (Auto and Taxi Drivers Unions) ने ऐप-आधारित कैब सेवाओं (App-Based cab services) के विरोध में हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि ऐप-आधारित कैब सेवाओं के कारण ऑटो और टैक्सी चालकों की आजीविका (Livelihood) पर बुरा असर पड़ रहा है। हड़ताल को दिल्ली-एनसीआर के 15 से अधिक यूनियन का समर्थन मिल रहा है।
अपनी मांगों को लेकर सभी तमाम ऑटो-टैक्सी संगठनों (Auto and Taxi Drivers Unions) के पदाधिकारी जंतर-मंतर पर धरना (Protest at Jantar Mantar) देंगे। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) से इस धरने प्रदर्शन को लेकर इजाजत मिल गई। बताया जा रहा है कि हड़ताल की वजह से चार लाख ऑटो-टैक्सी सड़कों पर नहीं उतरेंगी।
हड़ताल को लेकर ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन (All Delhi Auto Taxi Transport Congress Union) के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा कि एप आधारित कैब सेवा से ऑटो-टैक्सी चालकों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कैब चालकों से एप कंपनियां मोटा कमीशन वसूल रही है।
किशन वर्मा ने यह आरोप लगाया कि परिवहन विभाग (Transport Department) और यातायात पुलिस (Traffic Police) की मिलीभगत से अवैध रूप से चलते बाइक टैक्सी और ई-रिक्शा से भी टैक्सी ड्राइवर्स का रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा। राज्य सरकार मनमानी को रोकने में विफल रही है, ऐसे में हड़ताल पर जाने के अलावा कोई रास्ता नही बचा।