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आजम खान का बड़ा बयान, बोले- मैं अखिलेश यादव से नाराज नहीं

यूपी के रामपुर जिले से सदर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) ने शनिवार को बड़ा बयान देते हुए सारी अटकलों की हवा निकाल दी। उन्होंने कहा कि कहा कि मैं अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से नाराज नहीं हूं और न ही 'हार्दिक पटेल' हूं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी के रामपुर जिले से सदर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) ने शनिवार को बड़ा बयान देते हुए सारी अटकलों की हवा निकाल दी। उन्होंने कहा कि कहा कि मैं अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से नाराज नहीं हूं और न ही ‘हार्दिक पटेल’ हूं। एक मीडिया इंटरव्यू में आजम खान ने कहा कि मेरे ऊपर दर्ज 90 फीसदी मुकदमों में मेहरबानियां तो अपनों की है, इस घर को तो घर के चिराग से आग लगी है। इस दौरान आजम खान (Azam Khan) ने बीते 27 महीने बाद जेल से रिहा हुए पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) ने 88 मुकदमों और अपनी जेल यात्रा को लेकर खुलकर अपनी राय रखी।

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27 महीने की जेल की सजा पर आजम खान ने कहा कि लंबी थी गम की रात मगर सवेरा तो होना ही था

27 महीने की जेल की सजा पर आजम खान ने कहा कि लंबी थी गम की रात मगर रात ही तो थी, सवेरा तो होना ही था। आजम खान ने बताया कि जेल के बाहर के माहौल में हमें कोई खबर ही नहीं मिला पा रही थी और हम पर पाबंदियां बहुत ज्यादा थीं। जिन्हें जेल अथॉरिटी मिलने की इजाजत देती थी, उनसे ही मुलाकात हो पाती थी। जिसने साथ दिया उनका शुक्रिया, जिन्होंने नहीं दिया उनका भी शुक्रिया।

सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह का फैसला सुनाया है, वह ऐतिहासिक

आजम खान ने कहा कि जेल से रिहा होते वक्त मेरे अपने लोग तो साथ थे। उन्होंने कहा कि मेरे पास अपनों की कमी नहीं थी, मुझे माफिया कहा गया था, लेकिन जहां बैठे हैं (मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी) यही मेरी जुर्म है। जेल में रहकर जितने मुझे वोट मिले, उतने बाहर रहकर नहीं मिले। आगे की कानूनी लड़ाई के सवाल पर आजम खान ने कहा कि झूठ, झूठ होता है। सच, सच होता है। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह का फैसला सुनाया है, वह ऐतिहासिक है। जिस संवैधानिक धारा का हवाला देकर मुझे अंतरिम जमानत मिली है, उसकी आजाद भारत की पहली मिसाल हूं। शायद ही उत्तर प्रदेश का कोई ज्यूडिशियल अफसर हो, जिसे सच्चाई पता न हो।

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मेरे ऊपर 151 का मुकदमा भी नहीं है, लेकिन 20 दिन में मैं सबसे बड़ा अपराधी हो गया

कई मुकदमे होने के सवाल पर आजम खान ने कहा कि मेरे ऊपर कोई ऐसा मुकदमा नहीं है, उस वक्त के अधिकारियों का जो स्तर था। क्योंकि मैंने मुर्गी चोरी कराई है, की नहीं है। बकरी चोरी कराई है, की नहीं है। मंत्री रहते शराब की दुकान लूटने की बात पर हंसते हुए कहा कि जो उनका स्तर था, वैसे मुकदमे हैं। कोई मुकदमा ऐसा नहीं है, जो किसी ऐसी धारा का हो। मेरी गाड़ी से किसी को कोई खरोंच नहीं आई है। मेरे ऊपर 151 का मुकदमा भी नहीं है, लेकिन 20 दिन में मैं सबसे बड़ा अपराधी हो गया। आजम खान ने कहा कि यह सेट प्रोग्राम था, मैं इलेक्शन का एजेंडा था और मुझे कोई शिकायत नहीं है, इसलिए क्योंकि मेरे ऊपर दर्ज 90 फीसदी मुकदमों में मेहरबानियां तो अपनों की है। इस घर को तो घर के चिराग से आग लगी है।

मैं सपा का अदना सा कार्यकर्ता हूं, मैं बड़े लोगों पर टिप्पणी नहीं कर सकता

अखिलेश यादव के जेल नहीं मिलने पहुंचने के सवाल पर कहा कि अब उनके सामने क्या वजह रही होगी, मुझे नहीं पता और जिला प्रशासन की बड़ी पाबंदियां थीं। मैं तो किसी से मिल ही नहीं सकता था, क्योंकि बड़ी पाबंदियां थीं। मुझे बाहर की दुनिया के बारे में कुछ नहीं पता था। बहुत छोटी से कब्र में रहता था, जिसमें अंग्रेज फांसी देने से एक दिन पहले रखा करते थे। उस कोठरी में रहता था। समाजवादी पार्टी या अखिलेश यादव से नाराजगी पर आजम ने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है, मेरे उन्होंने क्या बिगाड़ा है जो नाराजगी होगी। मैं सपा का अदना सा कार्यकर्ता हूं, मैं बड़े लोगों पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूं।

41 सालों से 11 बार चुनाव जीता

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जेल में रहकर ऐतिहासिक वोटों से चुनाव जीतने के सवाल पर आजम खान ने कहा कि मुझे हर बार प्यार मिलता रहता है। 41 सालों से 11 बार चुनाव जीता हूं, जिसमें एक बार लोकसभा जीता हूं। किसी बड़े नेता के पास रिकॉर्ड नहीं है।

ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में आजम खान का टिप्पणी से इनकार, न्यायिक व्यवस्था के खिलाफ किसी को भी नहीं बोलना नहीं चाहिए

ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में आजम खान ने कहा कि मुझे कुछ मालूम भी हो जाए तो मैं क्या कर सकता हूं? जो चल रहा है, वो आप भी देख रहे हैं। बाबरी मस्जिद और ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में फर्क यह है कि बाबरी की लड़ाई चार दशक चली और इसमें (ज्ञानवापी) सिविल से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सारी प्रक्रिया एक साथ चली और चल रही है। ऐसे हालात में न्यायिक व्यवस्था के खिलाफ किसी को भी नहीं बोलना नहीं चाहिए। अभी किसी को कोई कमेंट नहीं करना चाहिए। माहौल अच्छा रहना चाहिए।

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