बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अराजक हुए माहौल का असर वहां के उद्योग जगत पर पड़ रहा है। देश में बने सियासी संकट से का असर वां काम काज पर सीधा पड़ रहा है।
Bangladesh Crisis : बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अराजक हुए माहौल का असर वहां के उद्योग जगत पर पड़ रहा है। देश में बने सियासी संकट से का असर वां काम काज पर सीधा पड़ रहा है। इसके पहले भी बांग्लादेश के आर्थिक संकट और महंगाई ने बांग्लादेश में ओवरऑल डिमांड को घटाया था।
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल पुथल के बीच बने अशांति के माहौल में प्रमुख फैशन ब्रांडों को भी प्रभावित किया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने और देश छोड़कर भाग जाने के कुछ दिनों बाद, बांग्लादेश के वस्त्र निर्माताओं के संगठन ने सभी सुविधाओं को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया है। मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, देश का प्रमुख उद्योग इस समय बड़े व्यवधान का सामना कर रहा है।
यह देखते हुए कि बांग्लादेश वस्त्र उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है, परिधान कारखानों के बंद होने से एचएंडएम और ज़ारा जैसी वैश्विक फास फैशन दिग्गज कंपनियों पर असर पड़ने की संभावना है। ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार, रेडीमेड गारमेंट उद्योग बांग्लादेश की कुल आय का लगभग 83% हिस्सा बनाता है। विश्व व्यापार संगठन
(WTO) के आंकड़ों के अनुसार बांग्लादेश ने 2023 में 38.4 बिलियन डॉलर के कपड़े निर्यात किए। सबसे बड़ी बात यह है कि परिधान निर्यात के मामले में बांग्लादेश तीसरे स्थान पर है, जो चीन और यूरोपीय संघ के बाद आता है।
खबरों के अनुसार, एचएंडएम का इस पूरे मामले पर कहना है, अधिकांश कारखाने धीरे-धीरे फिर से खुल रहे हैं, और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता बनी हुई है। हमने अपने आपूर्तिकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि हम मौजूदा स्थिति में देरी के कारण छूट का अनुरोध नहीं करेंगे। हम प्रतिदिन स्थिति का आकलन करना जारी रखते हैं।”
अब तक, भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (CITI) ने चेतावनी दी है कि बांग्लादेशी आपूर्तिकर्ताओं पर बहुत अधिक निर्भर रहने वाले वैश्विक ब्रांडों को व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है। जहां तक आम आदमी पर इसके प्रभाव का सवाल है, देरी और उत्पाद की उपलब्धता में कमी से वैश्विक खुदरा बाजार में इन्वेंट्री के स्तर और बिक्री पर बड़ा असर पड़ सकता है।