मां सरस्वती ज्ञान और विद्या की देवी है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जिस व्यक्ति पर मां सरस्वती की कृपा हो जाती है वह विद्वान कहा जाने लगता है।
Basant Panchami 2023 : मां सरस्वती ज्ञान और विद्या की देवी है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जिस व्यक्ति पर मां सरस्वती की कृपा हो जाती है वह विद्वान कहा जाने लगता है। ऐसी मान्यता है कि विद्या और कला का वरदान मां सरस्वती को प्रसन्न करके ही पाया जाता है। मोर विद्या की देवी मां सरस्वती का वाहन है।विद्यार्थियों को माता सरस्वती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। अक्सर विद्यार्थियों को यह कहते सुना जाता है।माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को देवी सरस्वती की पूजा होती है। बसंत पंचमी का दिन विद्यार्थियों के लिए खास होता है।
इस दिन पाठ्य सामग्री जैसे कलम और कॉपी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन निम्नलिखित कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है जैसे, मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, घर की नींव रखना, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, व्यापार शुरू करना आदि।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि
प्रारंभ 05 फरवरी यानी शनिवार को प्रातः: 03:47 बजे से रविवार को प्रातः: 03:46 बजे तक
पूजन का मुहूर्त सुबह 07:07 बजे से लेकर दोपहर 12:35 तक
सिद्ध योग शाम 05 बजकर 42 मिनट तक