शिवजी को केवल बेलपत्र चढ़ा दें तो वह प्रसन्न हो जाते हैं। शिवपुराण में इसकी महिमा विस्तार से बताई गई है।
Bel Patra Ke Fayde : शिवजी को केवल बेलपत्र चढ़ा दें तो वह प्रसन्न हो जाते हैं। शिवपुराण में इसकी महिमा विस्तार से बताई गई है। बेल के पेड़ का जितना महत्व धार्मिक ही उतना ही सेहत के लिए ये गुणकारी है। यह सर्वोत्तम औषधि के लिए भी जाना जाता है। शीतलता और स्वाद के लिए के लिए लोग बेल का पेय बनाकर इसे पीते है। इसमें रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है। आइये जानते है बेलपत्र के सर्वोत्तम उपाय।
1.बुखार होने पर बेल की पत्तियों के काढ़े का सेवन लाभप्रद है। यदि मधुमक्खी, बर्र अथवा ततैया के काटने पर जलन होती है। ऐसी स्थिति में काटे गए स्थान पर बेलपत्र का रस लगाने से राहत मिलती है।
2.हृदय रोगियों के लिए भी बेलपत्र का प्रयोग बेहद फायदेमंद है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से हृदय मजबूत होता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। श्वास रोगियों के लिए भी यह अमृत के समान है। इन पत्तियों का रस पीने से श्वास रोग में काफी लाभ होता है।
3.शरीर में गर्मी बढ़ने पर या मुंह में गर्मी के कारण यदि छाले हो जाएं, तो बेल की पत्तियों को मुंह में रखकर चबाने से लाभ मिलता है और छाले समाप्त हो जाते हैं।
4.बवासीर आजकल एक आम बीमारी हो गई है। खूनी बवासीर तो बहुत ही तकलीफ देने वाला रोग है। बेल की जड़ का गूदा पीसकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सुबह शाम ठंडे पानी के साथ लें। यदि पीड़ा अधिक है तो दिन में तीन बार लें। इससे बवासीर में फौरन लाभ मिलता है।
5.बरसात में अक्सर सर्दी, जुकाम और बुखार की समस्याएं अधिक होती हैं। ऐसे में बेलपत्र के रस में शहद मिलाकर पीना फायदेमंद है।
6.पेट या आंतों में कीड़े होना या फिर बच्चें में दस्त लगने की समस्या हो, बेलपत्र का रस पिलाने से काफी फायदा होता है और यह समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।