भीष्म अष्टमी का पर्व भीष्म पितामह की तर्पण की तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भीष्म पितामह ने ब्रह्मचर्य जीवन व्यतीत करने की कसम ली थी।
Bhishma Ashtami 2024 : भीष्म अष्टमी का पर्व भीष्म पितामह की तर्पण की तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भीष्म पितामह ने ब्रह्मचर्य जीवन व्यतीत करने की कसम ली थी। उन्हें अपनी इच्छा अनुसार प्राण त्यागने का वरदान प्राप्त था। हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। इस साल भीष्म अष्टमी कल यानी 16 फरवरी को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भीष्म पितामह ने उत्तरायण होने पर अपने प्राण त्याग दिए थे। इस दिन भीष्म पितामह की पुण्यतिथि से भी जाना जाता है।
भीष्म अष्टमी के दिन भीष्म पितामह का तर्पण जल, कुश और तिल से किया जाता है. मान्यता के अनुसार, भीम अष्टमी का व्रत जो व्यक्ति करता है उसके सभी पाप दूर हो जाते हैं। श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है कि किस तरह अर्जुन के तीरों से घायल होकर महाभारत के युद्ध में जख्मी होने के बावजूद भीष्म पितामह 18 दिनों तक मृत्यु शैय्या पर लेटे थे।
व्रत रखने के लाभ
भीष्म अष्टमी के दिन पितरों का तर्पण किया जाता हैण् इस कारण से व्रत रखने से पितृ दोष स मुक्ति मिलती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भीष्म अष्टमी का व्रत रखने से संस्कारी, ईमानदार संतान की प्राप्ती होती है।