शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया है। उनका ये इस्तीफा SGPC और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के लीडरशिप के बीच चल रहे तनाव के बीच आया है।
पंजाब। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया है। उनका ये इस्तीफा SGPC और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के लीडरशिप के बीच चल रहे तनाव के बीच आया है। हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने बताया कि वो श्री अकाल तख्त साहिब (Shri Akal Takht Sahib) के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह (Jathedar Giani Raghbir Singh) के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने अकाल तख्त जत्थेदार द्वारा 2 दिसंबर 2024 को SAD के पुनर्गठन के लिए गठित सात सदस्यीय कमेटी से भी अपना नाम वापस ले लिया है।
SGPC ने करीब एक हफ्ते पहले तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटा दिया गया था। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह (Jathedar Giani Raghbir Singh) ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का विरोध किया था। उन्होंने इसके विरोध में एक पोस्ट लिखा था। और हरप्रीत सिंह के पद से हटाने के तरीके को गलत बताया था।
हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने अपने इस्तीफे के लिए इस पोस्ट को जिम्मेदार बताया है। इस्तीफे से पहले उन्होंने इस पोस्ट की लाइनों को पढ़ा और कहा कि पोस्ट से जाहिर होता है कि ज्ञानी रघबीर सिंह उन्हें ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का कारण बता रहे हैं। धामी ने बताया कि जिस दिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का फैसला लिया गया उस दिन 14 सदस्य साथ थे। और डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान सभी को बोलने का समय दिया गया था। ताकि किसी के विचार रह न जाए। लेकिन प्रधान फेस होता है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इस पद से इस्तीफा देता हूं।
धामी ने आगे बताया कि SGPC की कार्यप्रणाली में मतभेद है। और इसे एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने हरियाणा में सिखों की अलग कमेटी बनाए जाने पर भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय में एकजुटता की जरुरत है, लेकिन हरियाणा में अलग कमेटी बनने से समुदाय में मतभेद बढ़ रहे हैं।
हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने इस्तीफा देते हुए अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौट रहे सिखों की पगड़ी उतारे जाने के मामले पर कड़ी नाराजगी जताते हुए दोषियों के खिलाफ जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। आखिर में धामी ने कहा कि उनका जीवन एक खुली किताब की तरह है। और वह हमेशा अकाल तख्त के प्रति समर्पित रहेंगे। इस्तीफे के दौरान उन्होंने अपने समर्थकों और SGPC के सदस्यों का आभार जताया। हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) के इस्तीफे के बाद से SGPC, SAD और अकाल तख्त के लिए संकट और गहरा गया है।